संदिग्ध बर्डफ्लू यानि एच5एन1 बीमारी तेजी से देश के विभिन्न राज्यों में फैलती जा रही है। हरियाणा में भी संदिग्ध बर्डफ्लू के मामले सामने आए हैं। राज्य के पंचकुला में संदिग्ध बर्डफ्लू के मामले सामने आए हैं। इसके बाद हरियाणा के पशु पालन विभाग ने पोलट्री और पोलट्री उत्पाद के को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत लोगों के कम पका या अधपका मांस खाने से परहेज करने के लिए कहा गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा के पंचकुला जिले में संदिग्ध बर्डफ्लू के फैलने के बाद राज्य के पशु पालन विभाग ने पोलट्री और पोलट्री उत्पाद के बारे में परामर्श जारी किया है। परामर्श में कहा गया है कि 70 डिग्री सेल्सियस तक पकाने के बाद ही पोलट्री उत्पाद इस्तेमाल किया जाना चाहिए। परामर्श में चेतावनी दी गई है कि कच्चा और कम पका मांस नुकसान पहुंचा सकता है।
केंद्र ने राज्यों के लिए एडवायजरी जारी की
बर्ड फ्लू के प्रकोप से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल में बर्ड ब्लू के प्रकोप की रिपोर्ट मिलने के बाद इस पर नियंत्रण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को एडवायरी जारी की गई है जिसमें पक्षियों के इस रोग से निपटने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय कार्ययोजना को अमल में लाने को कहा गया है। यह जानकारी केंद्रीय पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से बुधवार को दी गई। मंत्रालय ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) से नमूनों की पुष्टि होने के बाद चार राज्यों में 12 जगहों पर बर्ड फ्लू यानी एवियन एन्फ्लूएंजा (एआई) की रिपोर्ट आई है। इनमें राजस्थान में बारां, कोटा और झालावार में कौव्वों में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट है वहीं, मध्यप्रदेश के मंदसौर, इंदौर और मालवा में भी कौव्वों में ही बल्र्ड फ्लू की रिपोर्ट है। जबकि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट है। दक्षिण भारत स्थित केरल के कोट्टायम और आलापुझा में चार जगहों पर पोल्ट्री डक यानी घरेलू बत्तख में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट है।
दी ये सलाह
राज्यों को वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर पक्षियों के असामान्य मौत की रिपोर्ट लेने को कहा गया है। इसके अलावा अन्य राज्यों को भी पक्षियों की असमान्य मौत पर निगाहें रखने और आवश्यक कदम उठाने के लिए शीघ्र रिपोर्ट करने को कहा गया है। केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने भी यहां एक नियंत्रण कक्ष बनाया है जिसमें रोजाना आधार पर प्रदेशों से बर्ड फ्लू की स्थिति और किए जा रहे रोकथाम के उपायों का जायजा लिया जा रहा है। मंत्रालय की ओर से एक बात और स्पष्ट की गई है कि संदूषित पोल्ट्री उत्पाद खाने से मानव में एआई वायरस के संचरित होने का कोई सीधा प्रमाण नहीं है। हालांकि सफाई व स्वच्छता बनाए रखना और रसोई बनाने व प्रसंस्करण के मानक एआई वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए प्रभावकारी है।