पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलग रास्ता चुनने के बाद उनसे नाता तोड़ लेने की बात कहते हुए गुजरात के पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने शनिवार को कुर्मी , धानुक , कुशवाहा जाति के लोगों से एकजुट होने को कहा ताकि सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकें। पटेल ने कहा कि इस एकता के अभाव में दूसरे उनपर राज करते रहेंगे।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के नेता ने यह भी घोषणा की कि वह दो साल बाद ऐतिहासिक गांधी मैदान में विशाल रैली आयोजित करेंगे। गुजरात की पटेल जाति को बिहार की कुर्मी जाति के समान माना जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी जाति से आते हैं। गुजरात के युवा नेता ने यहां श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में ‘पटेल जागरूकता सम्मेलन ’को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम (नीतीश और वह) एक ही राह पर चल रहे थे, लेकिन उन्होंने खुद के लिये अलग रास्ता चुना , लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उनका (नीतीश का) शत्रु हूं।
पटेल ने कहा , ‘‘ कुर्मी , कुशवाहा और धानुक के नाम पर हमारे बीच विभाजन पैदा किया जा रहा है। अगर हम एकजुट हो गए तो कोई भी हमारे सामने खड़ा नहीं हो पाएगा -- हमें अपने बीच की खाई को पाटने की जरूरत है अन्यथा दूसरे हमपर राज करेंगे। ’’ शुरूआत में अपने भाषण में पटेल ने अपना परिचय देते हुए कहा , ‘‘ मेरा नाम है कुर्मी , कुशवाहा , धानुक हार्दिक पटेल। ’’
उन्होंने कहा कि बिहार की तरह ही गुजरात में भी पटेल बंटे हुए थे , लेकिन उनकी एकता ने दुनिया को उनकी ताकत से अवगत कराया। उन्होंने कहा , ‘‘ एक रैली (कुर्मी चेतना रैली) 1994 में ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित की गई थी। दो साल बाद मैं उसी मैदान में उसती तरह की रैली आयोजित करूंगा जिसमें 10 लाख कुर्मियों को आमंत्रित किया जाएगा -- मैं एक महीना बिहार में रहूंगा और गांवों का दौरा करूंगा ताकि मैदान को 10 लाख लोगों से भर सकूं। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ मुझे नहीं पता कि कोई मेरी घोषणा को पसंद करता है या नहीं , लेकिन मैं इसकी परवाह नहीं करता हूं क्योंकि मेरी नालंदा (लोकसभा क्षेत्र) से चुनाव लड़ने की मंशा नहीं है। मैं अब भी चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हूं। ’’नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है।