नई दिल्ली: कुछ विमानन कंपनियों द्वारा बुकिंग शुरू किए जाने की खबरों के बीच नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि जब सरकार को विश्वास हो जाएगा कि कोरोना वायरस का प्रसार नियंत्रित हो गया है और भारतीयों को इससे कोई खतरा नहीं है तब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगे प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे। पुरी ने कई ट्वीट कर यह भी कहा कि विमानन कपंनियों को रविवार को निर्देश जारी कर उन्हें बुकिंग शुरू करने से रोक दिया गया क्योंकि उन्होंने इस संबंध में सरकार की सलाह पर ध्यान नहीं दिया था।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई के परिणामस्वरूप उड़ानों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं और इसे उस समय हटा लिया जाएगा जब हम आश्वस्त हो जाएंगे कि वायरस का प्रसार नियंत्रित हो गया है और इससे हमारे देश तथा लोगों को कोई जोखिम नहीं है। " पुरी ने कहा, "चूंकि कुछ विमानन कंपनियों ने हमारी सलाह पर ध्यान नहीं दिया और बुकिंग शुरू कर दी तथा यात्रियों से पैसे लेने लगे, तब 19 अप्रैल को उन्हें निर्देश जारी कर ऐसा करने से रोका गया। उन्हें यह भी सूचित किया गया था कि बुकिंग शुरू करने के लिए उन्हें पर्याप्त नोटिस और समय दिया जाएगा। ’’
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एयर इंडिया ने सरकार की सलाह के बाद बुकिंग बंद कर दी लेकिन कुछ निजी विमानन कंपनियों ने इसकी अनदेखी की और तीन मई के बाद यात्रा के लिए बुकिंग शुरू कर दी। इसके बाद विमानन नियामक डीजीसीए ने रविवार को परिपत्र जारी किया। इस बीच, कई यात्रियों ने लॉकडाउन के कारण रद्द हुयी उड़ानों के लिए बुकिंग राशि वापस नहीं करने, और इसके बजाय भविष्य की यात्रा के लिए ‘‘क्रेडिट वाउचर’’ जारी करने को लेकर भारतीय विमानन कंपनियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर शिकायतें पोस्ट की हैं।
विमानन मंत्रालय ने 16 अप्रैल को कहा था कि अगर बुकिंग तीन मई तक की यात्रा के लिए लॉकडाउन के पहले चरण में की गई थी तो यात्री विमानन कंपनी से पूर्ण रिफंड (पैसों की वापसी) के लिए कह सकते हैं। हालांकि, सरकार ने इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है कि उन यात्रियों को पूर्ण रिफंड होना चाहिए जिन्होंने 25 मार्च से तीन मई की अवधि के दौरान यात्रा के लिए लॉकडाउन शुरू होने से पहले अपने टिकट बुक किए थे।