Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. साध्वियों का कैदखाना: जहां जाने का रास्ता तो था लेकिन लौटने का नहीं

साध्वियों का कैदखाना: जहां जाने का रास्ता तो था लेकिन लौटने का नहीं

राम रहीम का डेरा और उसकी सीक्रेट गुफा उसकी ऐशगाह थी लेकिन कई लोगों के लिए वो अलीशान डेरा किसी क़ैदखाने से कम नहीं था। साध्वियों के लिए तो राम रहीम का डेरा वनवे की तरह था। यानी जाने का रास्ता तो था लेकिन लौटने का नहीं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : August 30, 2017 20:17 IST
Ram Rahim kaidkhana
Ram Rahim kaidkhana

नई दिल्ली: राम रहीम का डेरा और उसकी सीक्रेट गुफा उसकी ऐशगाह थी लेकिन कई लोगों के लिए वो अलीशान डेरा किसी क़ैदखाने से कम नहीं था। साध्वियों के लिए तो राम रहीम का डेरा वनवे की तरह था। यानी जाने का रास्ता तो था लेकिन लौटने का नहीं। इसी में कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद हो गई। राम रहीम के डेरे से हजारों लोगों का बिजनेस चलता था, इसलिए बाबा के गुनाहों पर सबने आंखें बंद कर लीं। डेरे में राम रहीम साध्वियों का शोषण करता रहा। लड़कियां घुट-घुटकर मरती रहीं। बहुत लोगों को ये पता था लेकिन कोई कुछ नहीं बोला। 

राम रहीम के रिश्तेदार भूपेंद्र सिंह का कहना है कि डेरे से बिजनेस चलने के कारण लोग चुप रहे। राम रहीम की बहू भूपेंद्र सिंह की ममेरी बहन लगती है, इसलिए शायद रिश्तेदारी का लिहाज करना पड़ा। बाकी जिसने भी बोलने की हिम्मत की उसे खुद राम रहीम ने या उसकी मुंहबोली बेटी हनीप्रीत ने चुप करा दिया। भूपेंद्र सिंह बताते हैं कि डेरे में राम रहीम के बाद हनीप्रीत का ही हुक्म चलता था--जबकि वहां राम रहीम का अपना परिवार भी था।

भूपेंद्र सिंह का कहना है कि डेरे में हनीप्रीत का हुक्म चलता था। वह राम रहीम की लेफ्टिनेंट के तौर पर काम करती थी। उसकी वजह से बाबा ने परिवार को किनारे कर दिया।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement