श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के बीच आपसी लड़ाई का मामला सामने आया है जिसमें एक आतंकवादी की मौत हुई है और दूसरा आतंकवादी घायल हालत में पकड़ा गया है। सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में पुख़्ता जानकारी थी कि इसमें आतंकियों के पास न तो हथियार है और न ही पैसा इसी वजह से वो बौखलाए हुए जंगलों से हटकर रिहाइशी इलाकों में आ रहे हैं। पैसों के लिए जैसे ही वो उगाही करते हैं या फिर अपने किसी सोर्स कोड अलग करने की कोशिश तो उसकी पूरी जानकारी सुरक्षाकर्मियों के पास पहुँच रही है इसलिए घाटी में इस समय सबसे ज़्यादा एनकाउंटर चल रहे हैं।
इंडिया TV को इस बात की पूरी और पुख़्ता जानकारी थी कि बुधवार शाम को लगभग पुलवामा के जंगलों में इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर और लश्कर के आतंकियों के बीच आपस में काफ़ी हथियारों को लेकर कहासुनी हुई यहां तक कि मामला इतना बिगड़ गया कि उन्होंने एक दूसरे पर गोलियां चलना शुरू कर दी। दोनो संगठनों के लगभग 10 आतंकवादी इस गोलीबारी में शामिल थे और 5-10 राउंड फायर हुए।
आतंकियों के बीच आपसी गैंगवार से जुलाई 2018 में लश्कर में भर्ती हए आतंकी आदिल दास को गोली लगी और वो मारा गया आदिल शुरू में तो लश्कर में था लेकिन बाद में वह ISJK मे वो शामिल हो गया था। इस गोलीबारी में एक और आतंकी आरिफ़ हुसैन भट्ट को भी गोली लगी, जैसे ही गोली की आवाज़ आयी, CRPF और जम्मू कश्मीर पुलिस तथा भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफ़ल से चारों तरफ़ से जंगल को घेरा और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।
सर्च ऑपरेशन में आदिल की बॉडी को रिकवर किया गया और फिर उसके साथ वहीं थोड़ी दूर पर आरिफ़ हुसैन भट्ट भी ज़ख़्मी हालत में था। भारतीय सेना के जवानों ने आरिफ़ को उसी हालत में पहले फ़र्स्ट एड दिया और बाद में उसको पानी और खाना भी दिया और फिर एक स्ट्रेचर बनाकर अपने कंधे उसे अस्पताल में एडमिट करवाया। भारतीय सेना लगातार घाटी में मिशन का काम कर रही है ताकि युवाओं को जो भटक गए हैं उनको मेनस्ट्रीम में लाया जा सके।