गुजरात में बिन सचिवालय क्लर्क की परीक्षा का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाते हुए छात्र पिछले दो सप्ताह से विरोध कर रहे हैं। सरकार द्वारा कोई पहल न होने के चलते हजारों छात्र कल से गांधी नगर की सड़कों पर हैं। छात्र परीक्षा को रद्द करते हुए दोबारा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि इस साल अगस्त में सचिवालय क्लर्क की परीक्षाओं का आयोजन होना था। बाद में इन परीक्षाओं को क्वालिफिकेशन की सीमा मर्यादा बढ़ाने के नाम पर रद्द कर दिया गया। उसके बाद जब विरोध हुआ तो फिर 17 नवंबर को उन्हीं पुराने नियमों के साथ यह परीक्षा दोबारा ली गई। उसके बाद विवाद और बढ़ गया क्योंकि कई विद्यार्थियों का यह कहना है कि इस परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर घपले और घोटाले हुए।
पर्चा लीक होने से मची खलबली
इस बीच एग्जाम का पर्चा लीक होने की खबरों ने आग में घी का काम किया है। सुरेंद्र नगर के केंद्र से वायरल हुए एक सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता था कि परीक्षार्थी अपने मोबाइल से प्रश्न पत्र का फोटो खींचकर किसी को भेज रहे हैं और बाद में उन्हें मोबाइल पर उत्तर भेजे जा रहे हैं जिससे वह अपने एग्जाम में लिख रहे हैं। बस फिर क्या था परीक्षा में अपीयर हुए कैंडिडेट के अंदर इस मांग ने जोर पकड़ लिया की इस पूरे मामले की जांच की जाए और परीक्षा रद्द करके पुन: ली जाए।
दो हफ्तों से जारी है विरोध
करीब पिछले दो हफ्तों में इस मांग ने इतना जोर पकड़ लिया की बुधवार को बड़ी संख्या में बिन सचिवालय क्लर्क की परीक्षा के परीक्षार्थी राज्य के कोने कोने से गांधीनगर पहुंचने लगे। यहां छात्र गुजरात के सेकेंडरी सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के ऑफिस का घेराव कर रहे हैं। लेकिन गांधीनगर पुलिस ने इन परीक्षार्थियों को शुरुआत में एक जगह पर इकट्ठा नहीं होने दिया, लेकिन फिर भी छात्र दूसरे रास्तों से यहां जमा होने शुरू हो गए। रात होते-होते हजारों की संख्या में परीक्षार्थी और उनके माता-पिता गांधीनगर में आकर बैठ
दो दिन में जांच का भरोसा
छात्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि किसी भी हाल में परीक्षा रद्द होनी ही चाहिए। वहीं पूरे दिन सरकार में भी बैठकों का दौर चलता रहा लेकिन रात होते-होते सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया की अगर कहीं कोई घपला घोटाला हुआ है तो उस मामले की जांच 2 दिन में ही निपटा ली जाएगी लेकिन सरकार परीक्षा रद्द नहीं करेगी। परीक्षा में कुल मिलाकर जिन 10 लाख लोगों ने अप्लाई किया था उनमें से 6 लाख लोग अपीयर हुए हैं और ज्यादातर परीक्षा केंद्रों से किसी भी प्रकार की संदेहास्पद खबर नहीं आई है। लेकिन परीक्षार्थी सरकार के इस तर्क से सहमत नहीं है और रात भर वो कड़े पुलिस बंदोबस्त के बीच गांधीनगर की इस सड़क पर बैठे रहे। उनका यह कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगों के सामने झुककर 17 नवंबर को हुई परीक्षा रद्द नहीं करती है तो यह आंदोलन यूं ही चलता रहेगा