नई दिल्ली: कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से गुजरात राज्यसभा चुनावों से पहले झटका लगा है। 8 अगस्त को होने वाले गुजरात की 3 सीटों पर चुनावों में नोटा के इस्तेमाल पर रोक लगाने की कांग्रेस की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इससे पहले, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दलील दी थी कि अगर नोटा पर रोक नहीं लगाया गया तो विधायकों के वोट दूसरे पक्ष के लोग खरीद लेंगे और उसके उम्मीदवार चुनाव हार जाएंगे। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल से जुड़ा नोटिफिकेशन 2014 में ही जारी किया था, ऐसे में कांग्रेस को इसकी खामियां इस वक्त क्यों नजर आ रही हैं? दरअसल सितंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि सभी चुनावों में नोटा लागू किया जाए। सितंबर 2014 में यूपीए सरकार के वक्त लागू किया गया था।
बता दें कि कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी चुनाव आयोग का रुखकर गुजरात में आगामी राज्य सभा चुनाव में 'नोटा' का विकल्प हटाने की मांग की है। भाजपा ने चुनाव आयोग को सौंपे एक ज्ञापन में कहा है, "यह कहा गया कि आगामी चुनाव में नोटा का इस्तेमाल राजनीतिक पार्टियों के बीच चर्चा का एक मुद्दा बन गया है और इसलिए, राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल से पहले एक उपयुक्त आम राय बनाई जानी चाहिए।" केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि चूंकि राज्यसभा चुनाव में मतदान में कोई गोपनीयता नहीं है इसलिए नोटा का कोई उद्देश्य नहीं है।
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