आणंद: गुजरात के आणंद में एक इलेक्ट्रिक शवदाहगृह में नगर निगम की एक टीम को कोविड-19 से मृत एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने से रोकने के लिए भीड़ द्वारा कथित रूप से किए गए हमले में दो पुलिसकर्मी और एक एम्बुलेंस चालक घायल हो गया। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी। पुलिस उपाधीक्षक बी डी जडेजा ने कहा कि घटना वल्लभ-विद्यानगर में मंगलवार रात में हुई। इस घटना के बाद इलेक्ट्रिक शवदाहगृह के पास रहने वाले 56 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हरिओम नगर इलाके में श्मशान के पास रहने वाले लगभग 100 स्थानीय लोगों ने खंभात की नगर निगम टीम को घेर लिया, जो मंगलवार रात एक शव लेकर वहां पहुंची थी। उक्त व्यक्ति की करमसद के एक अस्पताल में कोरोना वायरस से मौत हो गई थी।’’ जडेजा ने कहा कि इन लोगों ने कर्मियों से कहा कि वे शव को कहीं और ले जाएं और दावा किया कि उसके अंतिम संस्कार से क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार हो जाएगा। पुलिस उप निरीक्षक टी आर गढवी ने बताया कि पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले लाठी और पत्थर से लैस भीड़ ने उस एंबुलेंस के चालक पर कथित रूप से हमला कर दिया जिसमें शव रखा हुआ था। स्थानीय लोगों ने खंभात नगर निगम की एक कार के शीशे भी तोड़ दिये।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को यह समझाने की कोशिश की कि वे कोरोना वायरस के सभी सुरक्षा मानकों और दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं लेकिन भीड़ ने उनकी बात नहीं सुनी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया।’’ गढ़वी ने कहा, ‘‘एक हेड कांस्टेबल और एक होमगार्ड को सिर में चोटें आईं।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद स्थिति नियंत्रित हो पाई।’’
जडेजा ने कहा कि हमले में एम्बुलेंस चालक को भी चोटें आईं। गढवी ने कहा कि क्षेत्र के 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर दंगा, मारपीट, आपराधिक साजिश, हत्या का प्रयास और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम टीम ने बाद में श्मशान में शव का अंतिम संस्कार किया।