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स्कूल जब तक बंद हैं, तब तक छात्रों से फीस न लें: गुजरात सरकार ने गैर सहायताप्राप्त स्कूलों से कहा

विभाग ने कहा कि अनेक स्कूलों ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने शिक्षण या गैर-शिक्षण स्टाफ को कोई वेतन नहीं दिया है या केवल 40-50 प्रतिशत वेतन दिया है।

Written by: Bhasha
Published : July 22, 2020 19:09 IST
gujarat govt asks non funded schools not to ask fee till they are closed । स्कूल जब तक बंद हैं, तब त
Image Source : PTI Representational Image

अहमदाबाद. गुजरात सरकार ने राज्य के स्व-वित्तपोषित स्कूलों को निर्देश दिया है कि कोविड-19 की वजह से वे जब तक वे बंद हैं, तब तक छात्रों से ट्यूशन फीस न लें। सरकार ने स्कूलों को 2020-21 शैक्षणिक सत्र के लिए फीस न बढ़ाने का भी निर्देश दिया। राज्य शिक्षा विभाग द्वारा 16 जुलाई को जारी अधिसूचना बुधवार को सार्वजनिक हुई।

इसमें कहा गया है कि कोई भी स्कूल फीस जमा न होने पर इस अवधि में पहली से कक्षा से लकर आठवीं कक्षा तक के किसी भी छात्र को निष्कासित नहीं करेगा क्योंकि ऐसा करना शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा-16 का उल्लंघन होगा। सरकार ने अधिसूचना में कहा कि इसके अलावा गुजरात उच्च न्यायालय के अनुसार 30 जून तक फीस जमा न करने वाले किसी भी छात्र को निष्कासित नहीं किया जाएगा।

विभाग ने कहा कि अनेक स्कूलों ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने शिक्षण या गैर-शिक्षण स्टाफ को कोई वेतन नहीं दिया है या केवल 40-50 प्रतिशत वेतन दिया है। इसने कहा कि शिक्षण संस्थान परामर्थ संगठन हैं जो समाज को इससे लाभ अर्जित किए बिना शिक्षा प्रदान करने के लिए बने हैं।

विभाग के अनुसार राज्य की शुल्क नियामक समिति लॉकडाउन के दौरान इन स्कूलों द्वारा अपने कर्मियों के वेतन पर किए गए व्यय पर गुजरात स्व-वित्तपोषित स्कूल (शुल्क नियमन) कानून 2017 के तहत विचार करेगी। इसने कहा कि अभिभावकों द्वारा किए गए फीस के अग्रिम भुगतान को स्कूलों को भविष्य की फीस में समायोजित करना पड़ेगा।

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