अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को कहा कि कोविड-19 ड्यूटी में लगे स्वास्थ्यकर्मियों तथा अग्रिम पंक्ति के कर्मियों समेत करीब 11 लाख लोगों को राज्य में प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वायरस का टीका लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि 16,000 कर्मियों को टीके लगाने का प्रशिक्षण दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, राज्य में टीका देने के लिए चार प्राथमिकता समूहों के 1.2 करोड़ लोगों का डेटाबेस तैयार किया गया है।
केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा था कि भारत में 16 जनवरी से कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू होगा, इसमें करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। सीएम रूपाणी ने कहा कि छह क्षेत्रीय डिपो, अन्य ढांचे मसलन कोल्ड चेन, टीके की खुराकों का भंडारण एवं आपूर्ति आदि की व्यवस्था की जा चुकी है।
उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘गुजरात में प्राथमिकता समूहों का डेटाबेस बनाने का काम हमने पूरा कर लिया है। कोविड-19 ड्यूटी में करीब 11 लाख लोग लगे हैं जिनमें चार लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मी हैं तथा पुलिस एवं सफाईकर्मियों समेत छह लाख से अधिक अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मी हैं, उन्हें टीकाकरण का लाभ पहले मिलेगा।’’
उन्होंने बताया कि प्राथमिकता समूहों के लिए घर-घर किए सर्वे के मुताबिक 1.05 करोड़ से अधिक लोग 50 वर्ष से अधिक आयु के हैं तथा 2.75 लाख ऐसे लोगों की पहचान की गई है जिनकी आयु 50 वर्ष से तो कम है लेकिन वे अन्य रोगों से ग्रस्त हैं। इसके साथ ही सीएम रूपाणी ने लोगों से टीकाकरण के बारे में अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की।
उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जिन लोगों ने हमारे जवानों पर सवाल उठाए, चुनाव हारने के बाद ईवीएम पर सवाल खड़े किए और राम मंदिर पर फैसले के बाद न्यायपालिका पर संदेह जताया, वे उन वैज्ञानिकों और चिकित्सकों पर सवाल उठा रहे हैं जिन्होंने मेड इन इंडिया टीके बनाए। यह विपक्षी दलों की निचले स्तर की मानसिकता को दिखाता है और लोग इसके लिए उन्हें माफ नहीं करेंगे।’’