अहमदाबाद: आईएसआईएस के दो संदिग्ध सदस्यों के खिलाफ पिछले महीने गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा दायर आरोपपत्र में दावा किया गया है कि गिरफ्तार व्यक्तियों में से एक के अज्ञात सहयोगी ने उससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश को लेकर बात की थी। आरोप पत्र में संदिग्ध की बातचीत के अंश का जिक्र किया गया है। आरोपपत्र में उबेद अहमद मिर्जा के सहयोगी पर यह आरोप लगाया गया है।
पिछले साल अक्तूबर में मिर्जा और मोहम्मद कासिम स्टिम्बरवाला को गिरफ्तार किया गया था और दोनों के खिलाफ आरोपपत्र भरुच जिले के अंकेलेश्वर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर किए गए। व्हाट्सऐप्प चैट में मिर्जा अपने अज्ञात सहयोगी ‘फरारी’ से पिस्तौल खरीदने के बारे में बात करता है। इसके जवाब में फरारी ने प्रधानमंत्री को निशाना बनाने की बात की।
आरोपपत्र में बताया गया है कि 10 सितंबर 2016 को 11 बजकर 24 मिनट पर मिर्जा ने मैसेज किया था, 'पिस्टल निश्चित रूप से खरीदते हैं .. तो मैं उसके साथ संपर्क तलाशने की कोशिश करुंगा।' (यदि पिस्तौल खरीदा जाना है, तो मैं एक स्नाइपर खोजने की कोशिश करूंगा।) संदेश किसे संबोधित किया गया यह स्पष्ट नहीं है। आरोपपत्र के अनुसार, लगभग 11 बजकर 28 मिनट पर मिर्जा को सोशल मीडिया संपर्क से एक जवाब मिला, 'हां, चलो मोदी को स्नाइपर राइफल से बाहर ले जाएं।'
अंकलेश्वर की अदालत में दाखिल चार्जशीट के अनुसार पीएम नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने की बातें आईएस के संदिग्ध आतंकी के पास से बरामद हुए सेलफोन और पेन ड्राइव से पता चली हैं। कथित आतंकी इन्हीं से मैसेजिंग एप के जरिए संदेश भेजा करता था।
बता दें कि मिर्जा और कासिम स्तिमबेरवला को गुजरात एटीएस ने 25 अक्टूबर, 2017 को अंकलेश्वर से अरेस्ट किया था। मिर्जा, वकालत की प्रैक्टिस करता था। जबकि एक अन्य संदिग्ध आतंकी कासिम स्टिंबरवाला, अंकलेश्वर के सरदार पटेल अस्पताल और हृदय रोग संस्थान में मार्च 2017 तक बतौर लैब टेक्निश्यिन काम किया करता था। दोनों ही सूरत के रहने वाले हैं।