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सरकार के इस निर्णय से कुछ ही घंटों में निवेशकों के डूबे 45,000 करोड़ रुपये

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि GST दरें तय होने के बाद विसंगति की वजह से सिगरेट विनिर्माता अप्रत्याशित लाभ कमा रहे थे और इसी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। हालांकि, उपकर में बढ़ोतरी से सिगरेट कीमतों में बदलाव नहीं होगा। यह उपकर सोमवार म

Written by: India TV News Desk
Published on: July 18, 2017 12:50 IST
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नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल द्वारा सिगरेट पर सेस बढ़ाए जाने का असर सिगरेट शेयरों पर दिखा। ITC के शेयरों में मंगलवार को 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। सेस बढ़ाने से सिगरेट बनाने वाली कंपनियों को जीएसटी के कम रेट्स के कारण होने वाले करीब 5,000 करोड़ रुपये के ‘विंडफॉल गेन’ से हाथ धोना पड़ेगा। ITC के शेयरों में आई गिरावट से कंपनी का मार्केट कैप 45,000 करोड़ रुपये से ज्यादा घट गया है यानी निवेशकों की इतनी रकम का नुकसान हुआ है। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि GST दरें तय होने के बाद विसंगति की वजह से सिगरेट विनिर्माता अप्रत्याशित लाभ कमा रहे थे और इसी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। हालांकि, उपकर में बढ़ोतरी से सिगरेट कीमतों में बदलाव नहीं होगा। यह उपकर सोमवार मध्यरात्री से लागू हो चुका है।

GST के लागू होने के बाद सोमवार को GST काउंसिल की पहली बैठक थी। GST एक जुलाई से लागू हुआ है। नए निर्णय के अनुसार जहां सिगरेट पर GST की 28 फीसदी की उच्चतम दर लागू रहेगी वहीं इसके साथ 5 फीसदी का मूल्यानुसार कर भी बना रहेगा। इसके अतिरिक्त इस पर लागू मात्रानुसार उपकर की दर बढ़ा दिया गया है। काउंसिल के इस निर्णय के अनुसार अब प्रति एक हजार सिगरेट स्टिक्स पर मात्रानुसार तय उपकर 485 से 792 रुपए तक बढ़ गया है।

30 मिनट में ही LIC को 7,000 करोड़ का नुकसान

ITC के शेयरों में मंगलवार को आई तेज गिरावट का सबसे ज्यादा नुकसान इसके सबसे बड़े शेयरधारक लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) को झेलना पड़ा है। LIC को महज 30 मिनट में ही 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा है। 30 जून 2017 तक के आंकड़ों के मुताबिक, ITC में LIC की 16.29 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं, घरेलू इंश्योरेंस कंपनियों को करीब 10,000 करोड़ गंवाने पड़े हैं।

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