Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. दुनिया की सबसे बड़ी सामुदायिक रसोई पर GST की मार

दुनिया की सबसे बड़ी सामुदायिक रसोई पर GST की मार

अमृतसर का हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर चलाता है, जहां 50,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सामान्य दिनों में तथा 1,00,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सप्ताहांत और त्योहारों के मौकों पर ताजा खाना खिलाया जाता है। लेकिन हाल में लागू किए ग

IANS
Updated on: July 05, 2017 20:55 IST
community kitchen- India TV Hindi
community kitchen

चंडीगढ़: अमृतसर का हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर चलाता है, जहां 50,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सामान्य दिनों में तथा 1,00,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सप्ताहांत और त्योहारों के मौकों पर ताजा खाना खिलाया जाता है। लेकिन हाल में लागू किए गए वस्तु एवं सेवा कर (GST) के कारण अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर और अन्य गुरुद्वारों में आयोजित की जानेवाली इस सामाजिक-धार्मिक गतिविधि पर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का बोझ पड़ा है। मंदिर के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

इन सामुदायिक रसोई घरों के लिए खरीदी जानेवाली ज्यादातर वस्तुएं नए जीएसटी के विभिन्न करों की दरों के अंतर्गत आती हैं। सिख धर्म की लघु-संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कई गुरुद्वारों में सामुदायिक रसोईघर चलाती है, जिसमें अमृतसर का हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) भी शामिल है। एसजीपीसी को अब इस मद में हर साल 10 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

स्वर्ण मंदिर के अलावा एसजीपीसी अन्य प्रमुख गुरुद्वारों में भी लंगर सेवा चलाती है, जिसमें आनंदपुर साहिब का तख्त केशगढ़ साहिब (जहां गुरु गोविंद सिंह द्वारा 13 अप्रैल, 1699 को आधुनिक युग के खालसा पंथ की स्थापना की गई थी), भटिंडा के तलवंडी साबू का तख्त दमदमा साहिब समेत अन्य गुरुद्वारे शामिल हैं। 'लंगर सेवा' (सामुदायिक रसोईघर) एक सामाजिक-धार्मिक गतिविधि है, जो पहले सिख गुरु नानक देव (1469-1539) के समय से ही सिख धर्म के लोकाचार का हिस्सा है। लंगर को समाज में धर्म, जाति, रंग और नस्ल के भेद को मिटाकर समानता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।

जीएसटी की नई दरों के लागू होने के बाद एसजीपीसी को रसोईघर के सामान की खरीद के लिए अधिक वित्तीय बोझ उठाना होगा। केंद्रीय खाद्यान्न प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर मांग की है कि एसजीपीसी द्वारा 'लंगर सेवा' के लिए की जाने वाली सभी खरीद को जीएसटी अधिनियम से छूट दी जाए।

बादल का कहना है, "पंजाब सरकार ने पहले एसजीपीसी की लंगर सेवा के लिए श्री दरबार साहिब, अमृतसर, श्री केशगढ़ साहिब, आनंदपुर और तलवंडी साबू भटिंडा द्वारा खरीदी जाने वाली सभी वस्तुओं को वैट से छूट दी थी। एसजीपीसी देशी घी, चीनी, दालों की खरीद पर हर साल 75 करोड़ रुपये खर्च करती है। लेकिन अब इन वस्तुओं के जीएसटी के अंतर्गत पांच से 18 फीसदी कर के दायरे में आने के कारण इनकी खरीद पर 10 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे।"

एसजीपीसी के अध्यक्ष किरपाल सिंह बडूंगर ने जीएसटी परिषद (जो जीएसटी की करों पर फैसला लेती है) को भेजे पत्र में सिख संगठन को जीएसटी दरों में छूट देने की मांग की है। बादल कहती हैं, "श्री हरमंदिर साहिब दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर चलाता है और हजारों लोगों को मुफ्त भोजन मुहैया कराता है। इसका खर्च लोगों द्वारा दिए गए दान से आता है।"

पिछले एक दशक से अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में कारसेवा करनेवाले सिख श्रद्धालु पृथिपाल सिंह ने कहा, "केंद्र सरकार को एसजीपीसी और अन्य धार्मिक संस्थाओं द्वारा की जानेवाली खरीद को तुरंत जीएसटी से मुक्त कर देना चाहिए, जो इतने बड़े पैमाने पर सामुदायिक सेवा कर रहे हैं।" नए जीएसटी अधिनियम में यह प्रावधान है कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों के आधार पर संस्थानों और व्यापारियों को कर छूट दी जा सकती है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement