नई दिल्ली: कांग्रेस को जीएसटी विधेयक वर्तमान स्वरूप में स्वीकार्य नहीं है किन्तु पार्टी इस मामले में सतर्कतापूर्ण ढंग से आगे बढ़ेगी ताकि उसे इस महत्वपूर्ण कर सुधार उपाय के विरोधी के रूप में नहीं देखा जाए।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सांसदों की एक महत्वपूर्ण रणनीति बैठक में तय किया गया कि जीएसटी विधेयकों के बारे में जनता की चिंताओं को उठाया जाए और आवश्यक संशोधन के लिए कहा जाए।
ये भी पढ़ें
सूत्रों के अनुसार राहुल ने सांसदों से कहा कि वे सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभायें और उन्हें जीएसटी विधेयकों के खिलाफ नहीं दिखना चाहिए। उन्होंने पार्टी सांसदों से कहा कि वे संकट में घिरे किसानों का मुद्दा संसद में उठाएं और कृषि ऋण की मांग करें।
लोकसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सुझाव दिया कि कांग्रेस को इस महत्वपूर्ण कर सुधार कानून का विरोध करते हुए नहीं दिखायी देना चाहिए क्योंकि संप्रग सरकार के शासनकाल में ही कर ढांचे के सरलीकरण के लिए जीएसटी विधेयक की पहल की गयी थी।
यह बैठक करीब आधे घंटे तक चली और इसमें लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भाग लिया। बैठक के बाद राहुल ने इस बैठक तथा पार्टी संगठन में होने वाले संभावित बदलाव के बारे में किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी संगठन में बदलाव के कयास लगाये जा रहे हैं।
उप्र विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार राहुल की पार्टी सांसदों के साथ यह बैठक थी। चुनाव नतीजे आने के बाद वह अपनी मां एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चिकित्सा उपचार के लिए देश से बाहर गये हुए थे।