Monday, December 23, 2024
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सरकार ने किसान संगठनों को अगले दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित कर तारीख बताने को कहा

सरकार ने रविवार को आंदोलनरत किसान संगठनों को पत्र भेजकर उन्हें वार्ता के अगले चरण के लिए आमंत्रित किया तथा उनसे तारीख बताने को कहा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 20, 2020 23:38 IST
सरकार ने किसान संगठनों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया
Image Source : FILE PHOTO सरकार ने किसान संगठनों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया

नई दिल्ली: सरकार ने रविवार को आंदोलनरत किसान संगठनों को पत्र भेजकर उन्हें वार्ता के अगले चरण के लिए आमंत्रित किया तथा उनसे तारीख बताने को कहा है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा था कि नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के एक-दो दिन में मुलाकात करने की संभावना है। 

उल्लेखनीय है कि गतिरोध दूर करने के लिए केंद्र और आंदोलनरत किसानों के प्रतिनिधियों बीच कई दौर की वार्ता नाकाम रही है। शाह ने कहा, ‘‘मैं समय के बारे में पूरी तरह से अवगत नहीं हूं, लेकिन किसानों के प्रतिनिधियों से उनकी मांगों पर चर्चा के लिए तोमर के कल (सोमवार) या परसों (मंगलवार) मुलाकात करने की संभावना है।’’ हजारों की संख्या में किसान दिल्ली से लगी हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर करीब चार हफ्ते से डेरा डाले हुए हैं। वे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 

केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में अपने आंदोलन को तेज करते हुए किसान यूनियनों ने रविवार को घोषणा की कि वे यहां सभी प्रदर्शन स्थलों पर सोमवार को एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे तथा 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक या दो दिन में प्रदर्शनकारी समूहों से उनकी मांगों पर बातचीत कर सकते हैं। 

पंजाब और हरियाणा के किसानों ने आज श्रद्धांजलि दिवस भी मनाया और उन किसानों को श्रद्धांजलि दी जिनकी मौत जारी आंदोलन के दौरान हुई है। किसान संगठनों ने दावा किया है कि आंदोलन में शामिल 30 से अधिक किसानों की दिल का दौरा पड़ने और सड़क दुर्घटना जैसे विभिन्न कारणों से मौत हुई है। किसानों ने कुछ स्थानों पर ‘अरदास’ भी की। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान कड़ाके की सर्दी में बीते करीब चार हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं। 

सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बार-आर नए कृषि कानूनों के लाभों के बारे में समझाने की कोशिश की है। इस बीच, मोदी ने आज सुबह गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचकर गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी जो सिखों के नौवें गुरु हैं। प्रधानमंत्री ने इस दौरान श्रद्धालुओं से भी बातचीत की। किसानों और केंद्र के बीच पांचवें दौर की बातचीत के बाद नौ दिसंबर को वार्ता स्थगित हो गई थी क्योंकि किसान यूनियनों ने कानूनों में संशोधन तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने का लिखित आश्वासन दिए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया। इस बीच, पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों और सरकार के बीच बातचीत जल्द शुरू होने का संकेत दिया। शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे समय की सही जानकारी नहीं है, लेकिन तोमर के कल या परसों किसान प्रतिनिधियों से उनकी मांगों पर बातचीत करने की संभावना है।’’ 

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