नई दिल्ली। सरकार ने नौ विशेष मामलों को छोड़कर औद्योगिक कार्यों के लिये ऑक्सीजन की आपूर्ति पर पाबंदी लगाई है। बता दें कि, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी होने लगी है। कई राज्यों ने केंद्र सरकार के ऑक्सीजन की आपूर्ति जल्द से जल्द करने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि राज्यों में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू होने वाली हैं, इसके लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है।
केंद्र ने नौ विशिष्ट उद्योगों को छोड़कर औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति रविवार को प्रतिबंधित कर दी ताकि कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके। यह निर्णय 22 अप्रैल से प्रभावी होगा। सभी राज्यों को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी और इस कारण मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से गठित उच्चाधिकार प्राप्त एक समिति ने औद्योगिक इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति की समीक्षा की है ताकि देश में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग पूरी की जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके।
इसी के मुताबिक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 22 अप्रैल से निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति अगले आदेश तक प्रतिबंधित कर दी है। इसमें नौ विशिष्ट उद्योगों को छूट दी गई है। गृह सचिव ने पत्र में कहा है कि सरकार ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति की अनुशंसाओं को स्वीकार कर लिया है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘‘इसलिए मैं आपसे अपील करता हूं कि अपने राज्य में सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करें ताकि समिति के निर्णयों का पालन कराया जा सके।’’
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता पीयूष गोयल ने रविवार को बताया कि 'आज हमने 6,177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अलग-अलग राज्यों को उपलब्ध कराने की योजना बना दी है। 20 अप्रैल के बाद महाराष्ट्र को 1500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी जाएगी। दिल्ली को 350 मीट्रिक टन और उत्तर प्रदेश को 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाएगा।'
कोविड-19: ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये एक्स्प्रेस ट्रेनें चलाएगा रेलवे
रेलवे देशभर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन तथा ऑक्सीजन सिलिंडरों की आपूर्ति के लिये अगले कुछ दिन में 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' चलाएगा। रविवार को उसने यह जानकारी दी। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में जबरदस्त वृद्धि के चलते मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है। अधिकारियों ने कहा कि खाली टैंकर विशाखापत्तनम, जमशेदपुर, राउरकेला और बोकारो से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भरने के लिये सोमवार को मुंबई और उसके आसपास कलमबोली और बोइसर स्टेशनों से चलेंगे।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारों ने इससे पहले रेलवे से पूछा था कि क्या उसके रेल नेटवर्क के जरिये लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर रेलवे ने तुरंत लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आवाजाही के लिये तकनीकी पहलुओं पर विचार करना शुरू कर दिया था। एक अधिकारी ने कहा, ''19 अप्रैल को खाली टैंकर चलेंगे, लिहाज हम अगले कुछ दिन में ऑक्सीजन एक्सप्रेस अभियान शुरू होने की उम्मीद करते हैं। जहां कहीं मांग होगी, हम वहां ऑक्सीजन भेज सकेंगे। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के तीव्र संचालन के लिये ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है।''
लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की ढुलाई से संबंधित मुद्दों पर 17 अप्रैल को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों, राज्य परिवहन आयुक्तों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। रेल मंत्रालय ने कहा, ''टैंकर हासिल करने और लोड करके उन्हें वापस भेजने की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय रेलवे केन्द्रों को निर्देश जारी किये गए हैं। विशाखापत्तनम, अंगुल और भिलाई में रैंप तैयार किये जा चुके हैं। कलमबोली में पहले से मौजूद रैंप को मजबूत बनाया जा रहा है।'' मंत्रालय ने कहा, ''कलमबोली रैंप 19 अप्रैल तक तैयार हो जाएगा। अन्य स्थानों पर भी टैंकरों के पहुंचने से पहले रैंप तैयार हो जाएंगे।''
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