कासगंज में हुई हिंसा को देखते हुए यूपी के गवर्नर राम नाइक ने कहा है कि कासगंज में हुई घटना यूपी के लिए एक कलंक की तरह है। गवर्नर ने बताया कि सरकार कासगंज हिंसा मामले की जांच कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में फिर नहीं होगी। गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच हिंसा के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया है। (दिल्ली: सीलिंग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे AAP कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने भांजी लाठियां )
हिंसा भड़कने के तीसरे दिन आज अराजक तत्वों ने एक दुकान में आग लगा दी। हालांकि स्थिति पर जल्द ही काबू पा लिया गया। पुलिस का दावा है कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है लिहाजा अब कर्फ्यू लागू नहीं किया गया है। इलाके पर ड्रोन कैमरों की मदद से नजर रखी जा रही है। पुलिस द्वारा आज रात जारी बयान के मुताबिक कासगंज हिंसा मामले में अब तक कुल 112 लोग गिरफ्तार किए गए हैं इनमें से 31 अभियुक्त हैं जबकि 81 अन्य को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है।
इस बीच, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कासगंज में हुई घटना को दुखद बताते हुए इसकी निन्दा की। उन्होंने कहा कि जो लोग भी इसके लिये दोषी हैं, उनमें से एक भी व्यक्ति नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद हालात की समीक्षा की है। अपराधी चाहे जितना बड़ा या प्रभावशाली हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब हमारे पास कड़े कानून आ गये हैं। यह गड़बड़ी करने वालों के लिये चेतावनी भी है। कुछ लोग लूटपाट कराने और आपसी मतभेद कराने कोशिश कर रहे हैं। दंगे करने वालों के साथ-साथ फसाद की साजिश करने वाले भी दण्डित होंगे। इस बीच, बसपा अध्यक्ष मायावती ने कासगंज में हुए उपद्रव का जिक्र करते हुए कहा कि सूबे में जंगलराज है। इसका ताजा उदाहरण कासगंज की घटना है जहां हिंसा की आग अब भी शांत नहीं हुई है। बसपा इसकी कड़ी निन्दा के साथ-साथ दोषियों को सख्त सजा देने की माँग करती है।