श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर में बदले घटनाक्रम के बीच राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य के सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के साथ मीटिंग की है। ये मीटिंग करीब 12 बजे से शुरू हुई। ऐसा माना जा रहा है कि इस मीटिंग में राज्यपाल शासन के तहत राज्य को चलाने के लिए अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफा देने के बाद जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है।
बीते एक दशक में यह चौथी बार है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगा है। मंगलवार को भाजपा ने अपनी गठबंधन सहयोगी पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था। बीते चार दशक में यह आठवीं बार है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया है और वर्ष 2008 से वोहरा के कार्यकाल में चौथी बार राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया है। भाजपा ने कल दोपहर अचानक ही राज्य में पीडीपी के साथ तीन साल पुराने सत्तारूढ़ गठबंधन खत्म कर दिया।
गठबंधन में कटु राजनीतिक कलह और बदतर होती सुरक्षा स्थितियों की वजह से दरारें पड़ने लगी थी। राम माधव ने कल कहा था,‘‘ जम्मू-कश्मीर की गठबंधन सरकार में बने रहना भाजपा के लिए मुश्किल हो गया है।’’ वोहरा के कार्यकाल में राज्य में पहली बार राज्यपाल शासन वर्ष 2008 में 174 दिन के लिए लगाया गया था जब गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेस और पीडीपी की गठबंधन सरकार से पीडीपी ने अमरनाथ भूमि विवाद के चलते समर्थन वापस ले लिया था। उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही राज्यपाल शासन पांच जनवरी 2009 को समाप्त हुआ था।