नई दिल्ली. कोरोना महमारी की वजह से बच्चों पर मड़राते वैश्विक संकट पर चर्चा के लिए आयोजित दो दिवसीय लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन समिट को संबोधित करते हुए भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबीन ईरानी ने देश के बच्चों के प्रति अपनी संवेदनशीलता और बाल अधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में आयोजित इस सम्मेलन में उन्होंने नोबेल विजेताओं और वैश्विक नोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार बच्चों के हितों को प्राथमिकता देती है।
स्मृति ईरानी ने बच्चों और महिलाओं की ट्रैफिकिंग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, “वह बच्चों और महिलाओं की ट्रैफिकिंग को लेकर संवेदनशील हैं और इस दिशा में कानून बनाने के लिए प्रयासरत हैं। भारत सरकार संसद में एंटी ट्रैफिकिंग बिल लाएगी।”
स्मृति जुबीन ईरानी ने आगे कहा, “कोविड से पहले बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए उनकी सरकार ने कठोर कानून बनाया। इस कानून के तहत चाइल्ड पार्नोग्राफी का उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई पर खास ध्यान दिया गया है। अब भारत सरकार बच्चों को कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिल कर हर संभव प्रयास कर रही है। ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए हर जिले में एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट बनाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के प्रति वह गंभीर हैं और उद्योगों की सप्लाई-चेन यानी आपूर्ति श्रृंखला बालश्रम मुक्त हो, इस दिशा में सरकार काम कर रही है। लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 से प्रभावित बच्चों का चिंता भारत सरकार को है और वह उनकी हर संभव मदद कर रही है।”