नयी दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने में लगे चिकित्साकर्मियों के इस्तेमाल में आने वाले व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), शरीर को पूरी तरह से ढंकने वाले वस्त्र (कवरॉल) और वेंटिलेटर सहित अन्य जरूरी उपकरणों की आपूर्ति को बढ़ाने के लिये विनिर्माण कंपनियों को निर्देश दिये हैं। मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी बयान में बताया गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमित और संदिग्ध मरीजों के इलाज के दौरान चिकित्साकर्मियों को संक्रमण से बचाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों का अभी देश में निर्माण नहीं हो रहा था, लेकिन कोरोना संकट को देखते हुये पीपीई की जरूरत के मद्देनजर सरकार ने देश में ही इनके निर्माण को बढ़ावा दिया है।
मंत्रालय ने बताया कि इसके तहत वस्त्र मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। इसके लिये अब तक 11 घरेलू कंपनियों ने गुणवत्ता परीक्षण की मंजूरी दे दी है। इन कंपनियों को 21 लाख पीपीई कवरॉल बनाने को कहा गया है। फिलहाल छह से सात हजार कवरॉल की आपूर्ति हो पा रही है। मंत्रालय ने निर्माण कार्य में तेजी आने के बाद अगले एक सप्ताह में आपूर्ति की मात्रा प्रतिदिन 15 हजार तक पहुंचने की उम्मीद जतायी है। मंत्रालय के अनुसार देश के विभिन्न अस्पतालों में अभी 3.34 लाख पीपीई किट की उपलब्धता है। सरकार द्वारा लगभग 60 हजार पीपीई किट की आपूर्ति की जा चुकी है। इसके अलावा चार अप्रैल तक तीन लाख पीपीई कवरॉल दान स्वरूप मिलेंगे, जबकि तीन लाख पीपीई किट बनाने का आर्डर आयुध कारखानों को भी दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से विभिन्न देशों से भी पीपीई किट आयात करने की पहल तेज की है। इसके लिये एक विदेशी कंपनी को 20 लाख पीपीई किट की आपूर्ति का आदेश दिया गया है। मंत्रालय ने कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि को देखते हुये अस्पतालों में वेंटिलेटर की उपलब्धता को संतोषजनक बताया। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस समय कोरोना के 20 से कम मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए देश के विभिन्न अस्पतालों में 14,000 से अधिक वेंटिलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। इसके अलावा निजी क्षेत्र की एक कंपनी को 10 हजार वेंटिलेटर की आपूर्ति करने को कहा गया है।
कंपनी ने अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक इसकी आपूर्ति शुरू करने का आश्वासन दिया है। वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को भी 30 हजार वेंटिलेटर की आपूर्ति का ऑर्डर दिया गया है। साथ ही विदेश मंत्रालय भी चीन के आपूर्तिकर्ताओं से 10,000 वेंटिलेटर की आपूर्ति के प्रयास कर रहा है। मंत्रालय के अनुसार चिकित्साकर्मियों द्वारा इस्तेमाल होने वाले एन95 मास्क का निर्माण दो घरेलू उत्पादकों द्वारा किया जा रहा है और इनकी आपूर्ति क्षमता प्रतिदिन 50,000 मास्क है। अगले सप्ताह इस क्षमता को बढ़ाकर प्रति दिन एक लाख मास्क कर दिया जायेगा। इसके अलावा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) भी स्थानीय निर्माताओं के साथ मिलकर प्रति दिन लगभग 20 हजार एन99 मास्क का उत्पादन कर रहा है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अस्पतालों में अभी 11.95 लाख एन95 मास्क उपलब्ध हैं।