रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर कई मंत्री घरों में कैद होकर सरकारी काम निपटा रहे हैं। कई मंत्री हालांकि कहते हैं कि जब जरूरत पड़ेगी तब सचिवालय जाएंगे। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोरोना जांच में हालांकि निगेटिव पाए गए हैं, लेकिन उन्होंने खुद को क्वारंटीन कर लिया है। इधर, राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर संक्रमित हैं। इसके बाद राज्य के अधिकांश मंत्री भी घर पर ही अधिक समय गुजार रहे हैं और सरकारी फाइलों का निपटारा भी घर से कर रहे हैं। हालांकि विपक्ष इसको लेकर सरकार पर निशाना साध रही है।
झारखंड के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव पिछले कुछ दिनों से घर से ही सरकारी कायरें का निपटरा कर रहे हैं। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अगर जरूरत होगी तो कार्यालय जाएंगें। उन्होंने कहा कि जरूरी फाइलों का घर पर ही निपटारा कर रहे हैं।
अल्पसंख्यक कल्ययाण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी पूरी तरह घर पर हैं। उन्होंने कहा, "इस कोरोना काल हो या कोई भी समय कार्य मेरी प्राथमिकता में है। फिलहाल ज्यादा काम आवास से ही निपटा रहे हैं।" उन्होंने स्वीकार करते हुए कहा कि झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, इस कारण सावधानी जरूरी है। उन्होंने कहा कि जितना घर से बाहर जाने से बचा जाए, वही अच्छा है।
इधर, मंत्री श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी सरकारी कामों का निपटारा अपने आवास कार्यालय से ही निपटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से बचने का तरीका सावधानी रखना है। केंद्र सरकार भी लोगों से जरूरत के मुताबिक ही घरों से निकलने की हिदायत देती है, ऐसे में घरों से ही सरकारी कामों का निपटारा किया जा रहा है।
वैसे, ऐसा नहीं कि केवल मंत्री ही घरों में अधिकांश समय गुजार रहे हैं। कई विधायक भी खुद को घरों में कैद कर रखा है। इसके अलावा मंत्री आलमगीर आलम और जगन्नाथ महतो भी अपने सरकारी कार्यों का निपटारा घर के दफ्तर से कर रहे हैं।
इधर, विपक्ष कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या पर सरकार पर निशाना साध रही है। भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि झारखंड की स्थिति 'जनता अनलॉक' और सरकार क्वारंटीन' वाली हो गई है। उन्होंने कहा, "झारखंड में कोरोना का संक्रमण लगातार फैल रहा है। इसके संक्रमण से मंत्री से लेकर संतरी तक नहीं बच रहे हैं, लेकिन सरकार सोई हुई है।"
उन्होंने कहा कि यहां के कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड तक नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार को प्रारंभ से ही इस स्थिति के लिए अगाह करती रही लेकिन सरकार नहीं चेती और आज झारखंड के लोगों को यह स्थिति देखना पड़ रहा है।