श्रीनगर: कश्मीर घाटी में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती से हलचल मची हुई है। इस बीच घाटी में मौजूदा हालात के मद्देनजर सरकार ने आर्मी और एयरफोर्स को हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर रखा है। आपको बता दें कि कश्मीर घाटी में CRPF और अन्य पैरामिलिटरी जवानों की तेजी से तैनाती के लिए सरकार ने C-17 समेत भारतीय वायुसेना के विमानों को भी सेवा में लगा रखा है। जवानों की बड़ी संख्या में और इतनी तेजी से की जा रही तैनाती को लेकर पाकिस्तान की तरफ से भी बयानबाजी हुई है।
बड़ी संख्या में अतिरिक्त जवानों की तैनाती
कश्मीर में सुरक्षाबलों की 280 से अधिक कंपनियां तैनात की जा रही हैं। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि सुरक्षाबलों को शहर के अतिसंवेदनशील इलाकों तथा घाटी की अन्य जगहों पर तैनात किया जा रहा है। इनमें अधिकतर CRPF कर्मी हैं। सूत्रों ने कहा कि इस तरह अचानक 250 से अधिक कंपनियों (25,000 से ज्यादा सुरक्षा कर्मियों) को देर शाम तैनात किए जाने का कोई कारण नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि शहर में प्रवेश और बाहर निकलने के सभी रास्तों को केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया गया है। वहीं, गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में बलों की तैनाती आंतरिक सुरक्षा स्थिति पर आधारित है।
उमर अब्दुल्ला ने सैनिकों की तैनाती पर उठाए सवाल
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सुरक्षाबलों की अचानक तैनाती पर सवाल उठाए हैं। उमर ने न्यूज एजेंसी ANI के एक ट्वीट का उल्लेख करते हुए लिखा, 'कश्मीर में कौन से 'मौजूदा हालातों' के लिए आर्मी और एयरफोर्स को अलर्ट पर रखने की जरूरत है। यह धारा 35A या परिसीमन के बारे में नहीं है। इस तरह का अलर्ट, यदि आया है, तो किसी बहुत ही अलग चीज के लिए होगा।' इससे पहले उमर ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर 2019 में ही चुनाव करा लेने की बात कही थी।
अतिरिक्त बलों की तैनाती से पाकिस्तान भी हुआ बेचैन
जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती ने पाकिस्तान को बेचैन कर दिया है। उसने कहा है कि वह इस मामले को पूरी दुनिया के सामने उठाएगा। बुधवार को विदेश मंत्रालय में जम्मू एवं कश्मीर मामलों की संसदीय समिति की पांचवीं बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारतीय कार्रवाई पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘भारत की युद्ध मनोदशा चिंताजनक है। उन्होंने (भारत ने) दस हजार और सैनिक कश्मीर में भेजे हैं। वे मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। पाकिस्तान इस मुद्दे को पूरी दुनिया के सामने उठाएगा। भारत वार्ता के लिए तैयार नहीं है और न ही किसी और की मध्यस्थता के लिए तैयार है। यह एक विचित्र स्थिति है।’