Friday, November 22, 2024
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किसानों को मिल सकती है MSP पर लिखित गारंटी, सरकार कर सकती है कृषि कानून में संशोधन

मिली जानकारी के मुताबिक सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर लिखित गारंटी दे सकती है, इसके अलावा प्रस्ताव में यह भी भरोसा दिलाया जा सकता है कि कृषि उपज मंडियां (APMC) पहले की तरह काम करती रहेंगी

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 09, 2020 11:47 IST
आज केंद्र सरकार की तरफ...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV आज केंद्र सरकार की तरफ से आंदोलनकारी किसानों को प्रस्ताव भेजा जा सकता है

नई दिल्ली। नए किसान कानून में संशोधन के लिए सरकार की तरफ से किसानों को जो प्रस्ताव भेजा जाएगा उसकी एक्सक्लूसिव जानकारी इंडिया टीवी को मिली है। मिली जानकारी के मुताबिक सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर लिखित गारंटी दे सकती है, इसके अलावा प्रस्ताव में यह भी भरोसा दिलाया जा सकता है कि कृषि उपज मंडियां (APMC) पहले की तरह काम करती रहेंगी और निजी मंडियों को भी किसान कानून के दायरे में लाया जाएगा तथा विवाद होने पर किसानों के पास सिविल कोर्ट में जाने को भी अनुमति दी जा सकती है। 

केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश ने कहा है कि किसानों की मांग पर कृषि कानून में संशोधन के लिए सरकार तैयार है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री अमित साह के साथ किसानों से बात हुई है और आज किसानों को प्रस्ताव लिखकर भेजा जाएगा। 

कृषि सुधार कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों से छठे दौर की वार्ता से ठीक एक दिन पहले गतिरोध समाप्त करने के प्रयासों के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और किसान नेताओं के एक समूह के बीच मंगलवार रात को हुई वार्ता में यह तय हुआ था कि आज सरकार की तरफ से किसानों को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा। वार्ता के दौरान हालांकि किसान नेता तीनों कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अडे रहे और सरकार द्वारा दिए गए संशोधनों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। वहीं, कुछ नेताओं ने बुधवार को यहां विज्ञान भवन में सरकार के साथ प्रस्तावित छठे दौर की वार्ता में शामिल नहीं होने की चेतावनी भी दी। जबकि, अन्य ने कहा, ‘‘उनका अगला कदम सरकार द्वारा उन संशोधनों से संबंधित लिखित में दिए गए आश्वासन पर निर्भर करेगा, जिसका आज की बैठक में अमित शाह ने वादा किया है।’’

अन्य नेता ने कहा, '' कल की बैठक की कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने जो भी लिखित में देने का निणर्य लिया है, उन संशोधनों को हम स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि हम चाहते हैं कि इन कानूनों का निरस्त किया जाये।'' हालांकि, शाह के साथ बैठक में शामिल होने वाले कुछ नेता आवश्यक संशोधनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था के संबंध में आश्वासन के पक्ष में दिखे।

मंगलवार करीब आधी रात को समाप्त हुई बैठक के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, '' गृह मंत्री ने यह साफ किया कि सरकार इन कानूनों को रद्द नहीं करेगी। शाह जी ने कहा कि सरकार जिन संशोधनों के पक्ष में हैं उन्हें कल लिखित में देगी। हम लिखित संशोधनों को लेकर सभी 40 किसान यूनियन से चर्चा करने के बाद बैठक में शामिल होने के बारे में फैसला लेंगे।'' साथ ही उन्होंने यह भी कहा, '' हम संशोधन नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त किया जाये। यहां बीच का कोई रास्ता नहीं है। हम कल की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।'' मोल्लाह ने कहा कि बुधवार की दोपहर को सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं के साथ होने वाली बैठक में छठे दौर की वार्ता में शामिल होने को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

इससे पहले, 13 किसान नेताओं को शाह के साथ इस बैठक के लिए बुलाया गया था। बैठक रात आठ बजे आरंभ हुई। किसान नेताओं में आठ पंजाब से थे जबकि पांच देश भर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे। सरकार की ओर से प्रदर्शनकारी किसानों से जारी वार्ता का नेतृत्व करने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा में हुई बैठक में मौजूद रहे। प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी

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