Highlights
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो वादा किया था वह उन्होंने संसद सत्र के पहले ही दिन पूरा किया- तोमर
- 'लोकसभा में इस विषय पर चर्चा हो सकती थी लेकिन विपक्षी दलों के विरोध व हंगामे की वजह से यह नहीं हो सका'
- राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इन कृषि कानूनों को निरस्त करने पर औपचारिक मुहर लग जाएगी
नयी दिल्ली: तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लाए गए कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 पर चर्चा ना कराने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि इन विधेयकों को निरस्त करने के मुद्दे पर सरकार और विपक्षी दल सहमत थे। संसद के दोनों सदनों में निरसन विधेयक के पारित होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में तोमर ने कहा कि लोक सभा में हालांकि इस विषय पर चर्चा हो सकती थी लेकिन विपक्षी दलों के विरोध व हंगामे की वजह से यह नहीं हो सका।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा था कि वह चर्चा आरंभ कराने के पक्ष में हैं और वे चर्चा चाहते हैं तो अपने-अपने स्थान पर बैठ जाएं। पिछले करीब एक वर्ष से विवादों में घिरे और किसानों के आंदोलन का प्रमुख कारण बने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी इस विधेयक को बिना चर्चा के दोनों सदनों से पारित कर दिया गया। इस विधेयक को बिना चर्चा के पारित किया जाने का कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने भारी विरोध किया।
बता दें कि, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इन कानूनों को निरस्त करने पर औपचारिक मुहर लग जाएगी। तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो वादा किया था वह उन्होंने संसद सत्र के पहले ही दिन पूरा किया। उन्होंने कहा कि सरकार इन कानूनों को किसानों की भलाई के लिए लेकर आई थी लेकिन इस बात का दुख है कि कई बार प्रयत्न करने के बावजूद किसानों को समझाया नहीं जा सका।