नई दिल्ली: देश में वैक्सीन बनाने वाली प्रमुख कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) अदार पूनावाला सरकार के सामने एक बड़ी मांग रखने जा रहे हैं। पूनावाला ने कहा है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को, खासकर किसी महामारी के दौर में उनके टीके को लेकर सभी प्रकार के कानूनी दावों से बचाया जाना चाहिए। बता दें कि भारत समेत पूरी दुनिया में इस समय कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का पूरी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है, और कई देशों में तो वैक्सिनेशन शुरू भी हो चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि पूनावाल ऐसी मांग क्यों कर रहे हैं?
‘बचाव के लिए सरकारी कवच मिलना चाहिए’
पूनावाला ने शुक्रवार को कार्नेगी इंडिया के वैश्विक प्रौद्योगिकी सम्मेलन में कहा कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां भारत सरकार के सामने यह बात रखने जा रही हैं। उन्होंने कोविड-19 वायरस का टीका बनाने में आने वाली चुनौतियां भी गिनाईं। उन्होंने कहा कि जब कुछ तुच्छ दावे किए जाने लगते हैं और मीडिया में बात का बतंगड़ बनाया जाने लगता है तो एक आशंका पैदा होती है कि ऐसा टीके के कारण हुआ ही होगा। पूनावाला ने कहा कि इस आशंका को दूर करने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए और सही बात लोगों को बतानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘विनिर्माताओं, खास कर टीका विनिर्माताओं को सभी कानूनी दावों से बचाव के लिए सरकारी कवच मिलना चाहिए।’
एक शख्स ने SII से मांगा था 5 करोड़ का मुआवजा
पूनावाला ने कहा कि अमेरिका में सरकार ने वास्तव में इस तरह के संरक्षण का प्रावधान कर भी दिया है। सीरम ने पिछले महीने इस आरोप को खारिज किया कि कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन के परीक्षण में चेन्नई में 40 साल के एक व्यक्ति को गंभीर प्रतिकूल प्रभाव झेलने पड़े थे। उस व्यक्ति ने टीके के असर से तंत्रिका तंत्र और स्मरण शक्ति को क्षति पहुंचने की शिकायत की थी। उसने कंपनी से 5 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा था जिसके बाद सीरम इंस्टिट्यूट ने उसके आरोपों को खारिज किया था और केस करने की धमकी दी थी।