Wednesday, December 25, 2024
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केजरीवाल सरकार पर लगा घोटाले का आरोप, मजदूरों के पैसे कार्यकर्ताओं को बांटे

इस मामले में श्रम विभाग के कई अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले का खुलासा करने वाले सुखबीर शर्मा का कहना है कि दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड के मुताबिक निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को मिलने वाली सुविधाओं को आम आदमी पार्टी के वॉलेंटियर्स को बोगस श्रमिक बनाकर दे दिया गया।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : May 09, 2018 8:32 IST
'Government misusing funds meant for construction labour, Dalit welfare'
केजरीवाल सरकार पर घोटाले का आरोप, मजदूरों के पैसे कार्यकर्ताओं को बांटे

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार पर एक घोटाले का आरोप लगा है। 139 करोड़ के घोटाले का आरोप श्रम विभाग से जुड़ा है। आरटीआई कार्यकर्ता और दिल्ली लेबर यूनियन के अध्यक्ष सुखबीर शर्मा ने केजरीवाल सरकार पर फर्जी मजदूरों को 139 करोड़ रुपये बांटने का आरोप लगाया है। शिकायत सामने आने के बाद एंटी करप्शन ब्रांच ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दिल्ली सरकार का श्रम विभाग गोपाल राय के आधीन आता है।

सुखबीर शर्मा का आरोप है कि श्रम विभाग ने 139 करोड़ रुपए फर्जी मजूदूरों को आवंटित किया है। कई ट्रेड यूनियनों ने फर्जी मजदूरों को अपनी कंपनी रजिस्टर्ड दिखाया है। शिकायत में कहा गया है कि दिल्ली में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को दिल्ली सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को आम आदमी पार्टी के वॉलेंटियर्स को फर्जी श्रमिक बनाकर बांट दिया गया। शुरुआती जांच में एंटी करप्शन ब्रांच ने इन आरोपों को सही पाया और एफआईआर दर्ज कर ली। एसीबी ने श्रम विभाग के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 471, 120बी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

इस मामले में श्रम विभाग के कई अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले का खुलासा करने वाले सुखबीर शर्मा का कहना है कि दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड के मुताबिक निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को मिलने वाली सुविधाओं को आम आदमी पार्टी के वॉलेंटियर्स को बोगस श्रमिक बनाकर दे दिया गया। इस बारे में कई बार लेबर डिपार्टमेंट और दिल्ली सरकार से शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आरोप ये है कि अफसरों की मिलीभगत से इस काम को अंजाम दिया गया है।

सुखबीर शर्मा की मानें तो यह पूरा घोटाला 200 करोड़ रुपए से ऊपर का है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बोर्ड को यह निर्देश दिए गए थे कि कंस्ट्रक्शन के लिए काम करने वाले श्रमिकों के कल्याण पर बोर्ड पैसे खर्च करे। आरोप है कि कोर्ट के आदेश पर काम तो शुरू हुआ, लेकिन वेलफेयर श्रमिकों का नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के वालंटियर्स का हुआ। सुखबीर शर्मा ने बताया कि नौकरी करने वालों से लेकर बिजनेसमैन तक को कागजों पर श्रमिक बना दिया गया।

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