नई दिल्ली. जिम और योग संस्थानों को खोलने से पहले सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इनके लिए कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए, जिनका अनुपालन इन्हें करना होगा। इसमें बिना लक्षण वाले लोगों को ही अनुमति देने, भौतिक दूरी का अनुपालन करने, आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करने और व्यायाम के दौरान यथासंभव चेहरे को ढककर रखने के निर्देश शामिल हैं।
निरुद्ध क्षेत्रों में मौजूद सभी योग संस्थान और जिम बंद रहेंगे
मंत्रालय ने कहा कि निरुद्ध क्षेत्रों में मौजूद सभी योग संस्थान और जिम बंद रहेंगे तथा केवल इन क्षेत्रों से बाहर मौजूद योग संस्थान और जिम को कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तैयार दिशा-निर्देशों के तहत खोलने की अनुमति होगी। दिशा-निर्देशों के मुताबिक, ‘‘स्पा, सौना, स्टीम बाथ और तरणताल बंद रहेंगे।’’ इनमें परिसरों को नए सिरे से तैयार करने की प्रक्रिया भी बताई गई है जिसका अनुपालन करने पर ही जिम या योग संस्थान को खोला जा सकता है, जैसे उपकरणों को सही तरीके और उचित दूरी पर रखना शामिल है।
प्रति व्यक्ति चार मीटर वर्ग के आधार पर फ्लोर एरिया की योजना बनाने के लिए कहा गया
दिशा-निर्देशों में योग संस्थानों और व्यायामशालाओं को प्रति व्यक्ति चार मीटर वर्ग के आधार पर फ्लोर एरिया की योजना बनाने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 65 साल से अधिक उम्र के लोगों, गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को बंद जगहों पर जिम का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है।
25 मार्च से बंद हैं जिम
उल्लेखनीय है कि 25 मार्च को कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के बाद पहली बार सरकार ने पांच अगस्त से ‘अनलॉक-3’ के तहत योग संस्थानों और जिम को खोलने की अनुमति दी है। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि योग और शारीरिक गतिविधियां स्वास्थ्य और कुशलक्षेम के लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए योग संस्थानों और व्यायामशालाओं (जिम) को पांच अगस्त से खोलने का निर्णय किया गया है।
जिम के प्रवेश द्वार पर हाथों को रोगाणुमुक्त करने के लिए सैनिटाइजर जरूरी
इस दस्तावेज में विभिन्न एहतियाती उपायों को रेखांकित किया गया है जिनका अनुपालन योग संस्थानों और जिम को कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए करना है। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि ऐसे सभी योग संस्थान और जिम के प्रवेश द्वार पर हाथों को रोगाणुमुक्त करने के लिए सैनिटाइजर और शरीर का तापमान जांचने की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी होगी। इनमें कहा गया है, ‘‘केवल बिना लक्षण वाले व्यक्तियों (कर्मचारी सहित) को ही परिसर में दाखिल होने की अनुमति होगी। सभी को मास्क पहने होने पर ही परिसर में प्रवेश करने दिया जाएगा।’’
आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करना होगा
दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘‘सभी सदस्य, आगंतुकों और कर्मचारी योग संस्थान या जिम के भीतर हर समय खतरे की पहचान करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल पर विचार कर सकते हैं।’’ इसमें कहा गया कि जिम में हृदय एवं शक्ति बढ़ाने वाले व्यायाम आदि प्रशिक्षण से पहले मध्य उंगली को अल्कोहल से रोगाणुमुक्त किया जाना चाहिए और ऑक्सीमीटर से शरीर में ऑक्साीजन का स्तर मापा जाना चाहिए एवं जिन लोगों में ऑक्सीजन संतृप्ति (सेचुरेशन) स्तर 95 से कम है, उन्हें व्यायाम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
'लोग आपस में कम से कम छह फुट की दूरी बनाकर रखें'
दिशा-निर्देशों के मुताबिक ऐसे व्यक्तियों को कॉल सेंटर/ राज्य हेल्पलाइन/ एंबुलेंस को कॉल कर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजना चाहिए। इनके मुताबिक हर समय दो गज की दूरी नियम का अनुपालन करने के लिए पार्किंग, गलियारों और लिफ्ट में उचित भीड़ प्रबंधन होना चाहिए ताकि भौतिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित हो सके। दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘‘जहां तक संभव हो, लोग आपस में कम से कम छह फुट की दूरी बनाकर रखें। परिसरों के भीतर हर समय फेस कवर/मास्क का इस्तेमाल आवश्यक है।
जिम में excercise के लिए अलग-अलग समय आवंटित किया जाए
हालांकि योग करने या व्यायामशालाओं में कसरत करने के दौरान जहां तक संभव हो, केवल एक नकाब का इस्तेमाल किया जा सकता है।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘कसरत करने के दौरान मास्क का इस्तेमाल (खासकर एन-95 का) करने से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।’’ इसमें परामर्श दिया गया है कि जिम और योग संस्थान के सदस्यों को व्यायाम के लिए अलग-अलग समय आवंटित किया जाए ताकि उचित दूरी रह सके और परिसर एवं उपकरणों को रोगाणुमुक्त किया जा सके।
योग परिसर के बाहर उतारने होंगे जूते
दिशा-निर्देशों में कहा गया, ‘‘योग संस्थान के जिस परिसर में योग किया जाता है उससे बाहर जूते उतरवाए जाएं। अगर जरूरी हो तो व्यक्तियों द्वारा स्वयं प्रत्येक व्यक्ति / परिवार को अलग-अलग पाली में रखना चाहिए। दस्तावेज में कहा गया है कि जिम या योग संस्थान में आने वाले प्रत्येक सदस्य के आने और जाने का रिकॉर्ड रखने के साथ उनका नाम, फोन नंबर और पता दर्ज किया जाना चाहिए। इसमें यह भी कहा गया कि कार्डियो और ताकत वाले व्यायाम के उपकरण छह फुट की दूरी पर रखे जाने चाहिए और संभव तो इन्हें रखने के लिए खुले स्थान का इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि भौतिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित हो सके। दिशा-निर्देशों में सपंर्क के बिना कार्ड के जरिए भुगतान को प्रोत्साहित करने की बात की गई है।
वातानुकूलन उपकरणों का तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए
दिशा-निर्देश में कहा गया कि वातानुकूलन/ वेंटिलेशन के लिए केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग द्वारा तैयार नियम लागू होंगे। जिम या योग संस्थान में वातानुकूलन उपकरणों का तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए जबकि आर्द्रता 40 से 70 प्रतिशत के स्तर पर होनी चाहिए। यथासंभव कोशिश की जानी चाहिए कि ताजी हवा आए और वेंटिलेशन की उचित व्यवस्था हो।
भौतिक दूरी का अनुपालन होने पर लॉकर का इस्तेमाल किया जा सकता है
मंत्रालय के मुताबिक भौतिक दूरी का अनुपालन होने पर लॉकर का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह सुनिश्चत किया जाना चाहिए कि कूड़ेदान ढका हुआ हो। दिशा-निर्देशों में व्यायाम करने के कक्ष, विशेष व्यायाम स्थल और कपड़े बदलने के स्थान पर कर्मचारियों और सदस्यों की संख्या सीमित करने को कहा गया है। मंत्रालय ने कहा है जिम के प्रत्येक उपकरण के पास सैनिटाइजर की व्यवस्था होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सदस्य हाथों को रोगाणु मुक्त करने के बाद ही इन उपकरणों का इस्तेमाल करें।
दिशा-निर्देशों के मुताबिक बीमार व्यक्ति को कमरे में ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जो अन्य लोगों से पृथक हो। डॉक्टरी जांच होने तक उस व्यक्ति को मास्क या फेस कवर दिया जाना चाहिए। तत्काल उस व्यक्ति के बारे में नजदीकी अस्पताल को इसकी सूचना दी जानी चाहिए , राज्य एवं जिला हेल्पलाइन पर संपर्क किया जाना चाहिए। संक्रमण के खतरे का आकलन अधिकृत सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी (जिला त्वरित कार्रवाई बल/ इलाज करने वाला डॉक्टर) द्वारा किया जाना चाहिए और उसी के अनुरूप कार्रवाई की जानी चाहिए जैसे मामले का प्रबंधन, संक्रमित के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना और परिसर को रोगाणु मुक्त करना।
कोरोना की पुष्टि होने पर परिसर को रोगाणु मुक्त करना होगा
दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर बीमार व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो परिसर को रोगाणु मुक्त किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि यौगिक क्रिया से कुछ समय के लिए परहेज करना चाहिए और अगर यह जरूरी हो तो खुले में ही किया जाना चाहिए। दिशा-निर्देशों के मुताबिक दो सत्रों के बीच 15 से 30 मिनट का अंतर होना चाहिए ताकि आने और लौटने वालों की भीड़ न हो।