नई दिल्ली। सरकार ने देशभर में अब तक सिर्फ 8,400 मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) दिए हैं और वह इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए दो प्रमुख विधेयक तैयार किए गए हैं। इन्हें मौजूदा सत्र या अगले सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है।
राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य विनियमन और प्रबंधन विधेयक 2019 और मछली में बीमारी रोकने संबंधी विधेयक को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलना अभी बाकी है। केंद्रीय मत्स्यपालन , पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने विश्व मत्स्य दिवस पर कहा कि कई उपायों की घोषणा के बीच सरकार ने अल्प कालिक ऋण सुविधा का दायरा बढ़ाया है और किसानों के अलावा मछुआरों , पशुपालकों को भी इसमें शामिल किया है।
सिंह ने कहा , "अब तक 8,400 मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड मिला है। देशभर में करीब दो करोड़ मछुआरे हैं, इसकी तुलना में यह संख्या कम है। हम इसकी समीक्षा करने जा रहे हैं और अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए कदम उठा रहे हैं।"
सरकार ने 2018-19 के बजट में किसान क्रेडिट कार्ड का दायरा बढ़ाते हुए इसमें पशुपालकों और मछुआरों को भी शामिल करने की घोषणा की ताकि उनकी कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा किया जा सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। इसलिए किसानों की आय बढ़ाने के लिए उपयुक्त माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मछुआरों की आय अगले पांच साल में पांच गुना तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है और इसलिए मत्स्य एवं पशुपालन क्षेत्र पर ध्यान देने के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया है। मत्स्य पालन एवं पशुपालन सचिव रजनी सेखरी सिब्बल ने कहा कि कानून के अभाव में चीन जैसे पड़ोसी देश भारत के समुद्री संसाधनों का लाभ उठा रहे हैं।
मत्स्यपालन एवं पशुपालन राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र पर ध्यान दिए बिना किसानों की आय दोगुनी करना संभंव नहीं है और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड को उत्तर भारत में मछली पालन को बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहिए।