नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद उपजे हालात को लेकर भारत की रणनीति क्या होगी? अभी इस पर ज्यादा कुछ कह पाना मुश्किल है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की मोदी सरकार ने अफगानिस्तान के मसले को लेकर 26 अगस्त (गुरुवार) को सुबब 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि फ्लोर लीडर्स को अफगानिस्तान के मामले पर जानकारी दी जाएगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर 26 अगस्त को संसद में विभिन्न दलों के नेताओं को युद्धग्रस्त अफगानिस्तान के घटनाक्रम से अवगत कराएंगे। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि भौतिक बैठक पूर्वाह्र 11 बजे संसद भवन एनेक्सी में होगी। जोशी ने ट्वीट किया, 'संसद में विभिन्न दलों के नेताओं को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर द्वारा अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति के बारे में 26 अगस्त, पूर्वान्ह्र 11 बजे मुख्य समिति कक्ष, पीएचए, नई दिल्ली में जानकारी दी जाएगी। ईमेल के जरिए आमंत्रण भेजे जा रहे हैं। सभी संबंधित लोगों से उपस्थित होने का अनुरोध किया जाता है।'
जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को यह जानकारी देने का निर्देश दिया है। जयशंकर ने ट्वीट किया, 'अफगानिस्तान में घटनाक्रम को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय से कहा है कि वह संसद में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को इस संबंध में जानकारी दे। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी आगे की जानकारी देंगे।' सरकार की ब्रीफिंग अफगानिस्तान से लोगों की निकासी के अभियान पर केंद्रित रहने की उम्मीद है तथा इसमें वहां के हालात को लेकर सरकार के आकलन की भी जानकारी दी जा सकती है।बता दें कि, अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान के तहत भारत, अफगानिस्तान के सिख और हिंदू समुदाय के लोगों समेत करीब 730 लोगों को यहां ला चुका है। अफगानिस्तान से निकालकर लाए गए 146 भारतीय नागरिक कतर की राजधानी से चार अलग-अलग विमानों के जरिये सोमवार को भारत पहुंचे। इन नागरिकों को अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाया गया था। भारत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस लाया था। इससे पहले, 16 अगस्त को 40 से अधिक लोगों को स्वदेश लाया गया था जिनमें से ज्यादातर भारतीय दूतावास के कर्मी थे। काबुल से दूसरे विमान से 150 लोगों को लाया गया, जिनमें भारतीय राजनयिक, अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी और कुछ अन्य भारतीय थे, जिन्हें 17 अगस्त को लाया गया था।
पीएम मोदी और विदेश मंत्री हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं
आपको बता दें कि, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से वहां की स्थिति काफी खराब बताई जा रही है। राजधानी काबुल समेत हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। अफगान के लोग देश छोड़कर आना चाहते हैं। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़कर जा चुके हैं। भारत भी अपने नागरिकों को लगातार वहां से सुरक्षित निकालने में लगा हुआ है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर अफगानिस्तान अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अब तक दो कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक भी हो चुकी है। वहीं अफगानिस्तान में फंसे नागरिकों को भारत लाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।