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डेटा प्रोटेक्शन पर संसद की संयुक्त संसदीय समिति ने Google और Paytm से पूछे ये सवाल

डेटा प्रोटेक्शन पर संसद की संयुक्त संसदीय समिति के सामने गुरुवार को Google और Paytm के अधिकारियों की पेशी हुई।

Reported by: Devendra Parashar @DParashar17
Published : October 29, 2020 20:32 IST
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Image Source : PTI REPRESENTATIONAL डेटा प्रोटेक्शन पर संसद की संयुक्त संसदीय समिति के सामने गुरुवार को Google और Paytm के अधिकारियों की पेशी हुई।

नई दिल्ली: डेटा प्रोटेक्शन पर संसद की संयुक्त संसदीय समिति के सामने गुरुवार को Google और Paytm के अधिकारियों की पेशी हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, समिति ने Paytm से कंपनी ने चीनी निवेश के बारे में पूछा। वहीं, Google के अधिकारी भी समिति के सामने पेश हुए जिनसे यूजर्स की चॉइस के कंट्रोल के बारे में सवाल पूछे गए। समिति के कुछ सदस्यों ने गूगल के अधिकारियों से पीआर कंपनी और इमेज मेकओवर कंपनी से रिश्ते के बारे में भी सवाल पूछा। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता वाली समिति निजी आंकड़ा सुरक्षा विधेयक 2019 पर विचार कर रही है। 

Paytm और Google से पूछे गए ये सवाल

समिति ने पेटीएम से कंपनी के चीनी निवेश के साथ-साथ उसकी डेडा सर्वर की लोकेशन के बारे में भी पूछा। समिति ने पेटीएम से कहा कि कंपनी का डेटा सर्वर भारत में होना चाहिए। वहीं, गूगल के अधिकारियों से समिति ने पूछा कि क्या यूजर्स के चॉइस पर कंट्रोल करना उनके मूल अधिकार का उल्लंघन नहीं हैं? समिति ने Google से पूछा कि ऐडवरटाइजिंग और कंटेंट प्लेटफॉर्म होने के चलते यह कैसे संभव है कि गूगल अपने एडवर्टाइजर को सर्च के समय प्राथमिकता नहीं देता हो और न्यूट्रल हो। बता दें कि संसदीय समिति इससे पहले Amazon, Twitter और Facebook से भी सवाल कर चुकी है।

समिति के सामने पेश होंगी कई और कंपनियां
बता दें कि संसद की संयुक्त समिति ने आंकड़ों की सुरक्षा मुद्दे पर बुधवार को नोटिस जारी कर दूरसंचार कंपनी Reliance Jio और Bharati Airtel के साथ-साथ Ola और Uber के प्रतिनिधियों को तलब किया है। नोटिस के अनुसार रिलायंस जियो इन्फोकॉम और जियो प्लेटफार्म्स के प्रतिनिधियों को समिति के समक्ष बयान देने को लेकर 4 नवंबर को दो अलग-अलग बैठकों में उपस्थित होने को कहा गया है। वहीं ओला और उबर के प्रतिनिधियों को समिति के समक्ष अगले दिन यानी 5 नवंबर को उपस्थित होने को कहा गया है। एयरटेल और ट्रूकॉलर के प्रतिनिधियों को समिति के समक्ष अलग से 6 नवंबर को उपस्थित होने को कहा गया है।

जानें, क्यों तलब की जा रही हैं कंपनियां
गौरतलह है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 11 दिसंबर, 2019 को निजी आंकड़ा संरक्षण विधेयक लोकसभा में पेश किया था। विधेयक में लोगों से जुड़ी उनकी निजी जानकारी के संरक्षण और आंकड़ा संरक्षण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव किया गया है। विधेयक को बाद में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त प्रवर समिति को भेज दिया गया। प्रस्तावित कानून किसी व्यक्ति की सहमति के बिना संस्थाओं द्वारा व्यक्तिगत आंकड़ों के भंडारण और उपयोग पर रोक लगाता है।

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