नई दिल्ली: सर्च इंजन गूगल ने बुधवार को उर्दू भाषा को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध अब्दुल कावी देसनावी की 87वीं जयंती के मौके पर उनके सम्मान में डूडल बनाया। डूडल में देसनावी बीच में बैठे कुछ लिखते नजर आ रहे हैं। सर्च इंजन के शब्द भी उर्दू भाषा की तरह लिखे दिख रहे हैं।
भारतीय उर्दू भाषा के लेखक, आलोचक, ग्रंथकार और भाषाविद देसनावी ने उर्दू साहित्य के विकास में मदत्वपूर्ण योगदान दिया। अपने पांच दशकों के साहित्यिक जीवन में उन्होंने कई कथाओं, आत्मकथओं और कविताओं की रचना की।
उनकी कुछ महत्वपूर्ण रचनाओं में 'सात तेहरीरें', 'मोटाला-ए-खोतूल', 'गालिब' और साथ ही अल्लामा मुहम्मद इकबाल और मौलाना अबुल कलाम आजाद पर लेखन शामिल हैं। 1930 में बिहार के देसना गांव में जन्मे देसनावी एक विद्वान परिवार से थे।
वह बेहद मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि के थे। उनकी प्राथमिक शिक्षा आरा में हुई। उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से स्नातक और परास्नातक किया।
उसके बाद वह भोपाल में सैफिया परास्नातक कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हुए। उन्हें वहां उर्दू विभाग का प्रमुख बनाया गया। वह कई साहित्यिक और शैक्षणिक संस्थाओं के सदस्य रहे थे। देसनावी का 7 जुलाई, 2011 को भोपाल में निधन हो गया था।