नई दिल्लीः गूगल ने आज डूडल बनाकर भारत के महान इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया की 157वीं जयंती पर याद किया। इनकी याद में इस दिन को भारत में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को इंजीनियर डे मनाया जाता है। सर एम. विश्वेश्वरैया एक शानदार इंजीनियर थे जिसका अंदाजा उनके किए गए कामों को देखकर लगाया जा सकता है। उन्होंने देश में कई महत्वपूर्ण काम किए हैं जिसमें नदियों पर बांध, ब्रिज और पीने के पानी की योजनाएं आदि शामिल हैं जिनके चलते उनका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से दर्ज हो गया है।
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में दिए गए एम विश्वैश्वरैया के योगदान को देखते हुए उन्हें 1955 में भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया था। भारतीय विकास के जनक मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 को मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर तालुका में हुआ था। पिता का नाम श्रीनिवास शास्त्री तथा माता का नाम वेंकाचम्मा था।
पिता संस्कृत के विद्वान थे। विश्वेश्वरैया भारत के माने हुए सफल इंजीनियर थे। वे ईमानदारी, त्याग, मेहनत इत्यादि जैसे गुणों से संपन्न थे। उनका कहना था, कार्य जो भी हो लेकिन वह इस ढंग से किया गया हो कि वह दूसरों के कार्य से श्रेष्ठ हो।
विश्वेश्वरैया को भारत की प्रौद्योगिकी का जनक कहा जाता है। उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उन्हें कई कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा परंतु वह कभी निराश नहीं हुए। उन्होंने अपने जीवनकाल में चार सिद्धांतों को आदि से अंत तक अपनाए रखा।