नई दिल्ली। जहां एक ओर कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही हैं। कोरोना वैक्सीन को लेकर आज तीन देशों से बड़ी खबरें सामने आई हैं। पहली अमेरिका से, दूसरी रशिया से और तीसरी अपने देश यानी भारत से। कोरोना वैक्सीन पर सबसे पहली खबर दी अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रंप ने। ट्रंप ने अपने ट्वीट मे लिखा 'Great news on vaccines' ...लेकिन ट्रंप की ऐसे मामलों आजकल क्रेडिबिलिटी थोड़ी कम है तो मैंने वैक्सीन के बारे में गहराई से जांच की।
अमेरिका में infectious disease के टॉप एक्सपर्ट डॉ. एंथनी FAUCI ने रिसर्च को देखने के बाद कहा कि ये गुड न्यूज है। ट्रंप जिस वैक्सीन की बात कर रहे हैं, उसे अमेरिका के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ हेल्थ और मॉडर्ना इंक नाम की बायोटेक फर्म डेवलप कर रही है। इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल का फर्स्ट स्टेज चल रहा है और 45 वॉलिंटियर्स पर जो ट्रायल किए गए, उसके नतीजे सफल रहे। डॉक्टर्स का दावा है कि वैक्सीन सेफ भी है और इसने इम्यून सिस्टम को मजबूत किया है। द न्यू इंग्लैंड जर्नल मेडिसन में एक रिपोर्ट पब्लिश की गई है जिसके मुताबिक जिन 45 लोगों पर ट्रायल किया गया उनमें 18 से 55 साल के लोग शामिल थे। सीएटल यूनिवर्सिटी और एमोरी यूनिवर्सिटी में ये ट्रायल किए गए, अब 27 जुलाई से 30 हजार लोगों पर इसका ट्रायल शुरु होगा। ये दुनिया का सबसे बड़ा HUMAN ट्रायल है।
रिसर्चर्स के मुताबिक ये वैक्सीन कोरोना वायरस को न्यूट्रलाइज करने वाले एंटीबॉडीज को मजबूत करती है। जिन 45 लोगों पर ये ट्रायल किया गया, उन्हें 15-15 के तीन ग्रुप में बांटा गया। 28 दिन में इन्हें वैक्सीन के इंजेक्शन दिए गए, यानी दो डोज के बीच में 14-14 दिन का गैप रखा गया। पहली डोज तो सभी 45 लोगों को दी गई जबकि दूसरी डोज 42 लोगों को दी गई। डोज की मात्रा 25, 100 और 250 माइक्रोग्राम रखी गई। किसी भी पार्टिसिपेंट पर कोई बुरा साइड इफेक्ट नहीं दिखा। कुछ लोगों ने थकान, सिरदर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द या फिर इंजेक्शन लगाने वाली जगह दर्द होने की शिकायत की। खासकर ये समस्या उन लोगों में आई जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज दी गई, लेकिन डॉक्टर्स के मुताबिक इतने खतरनाक कोरोना से मुकाबले के लिए ये जो प्रॉब्लम आई हो वो कम है।
कोरोना की एक सेफ वैक्सीन बना ली है- रशिया के डिफेंस मिनिस्टर
कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर रूस से भी आई। रशिया के डिफेंस मिनिस्टर ने आज कहा उनके साइंटिस्ट्स ने कोरोना की एक सेफ वैक्सीन बना ली है। डिफेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक जिन 18 लोगों पर इसका ट्रायल किया गया, उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है और उनपर वैक्सीन का कोई बुरा प्रभाव भी नहीं दिखा। इस वैक्सीन की वजह से इम्यून सिस्टम मजबूत हुआ, एंटीबॉडीज भी डेवलप हुए, इसकी वजह से कोरोना वायरस से बचाव होगा। डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि जुलाई के आखिर तक सभी क्लीनिकल ट्रायल पूरे हो जाएंगे। इस वैक्सीन का सेचेनोव यूनिवर्सिटी में ट्रायल किया गया, लेकिन यहां पर ये बताना भी जरूरी है कि इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल का पहला स्टेज ही कम्पलीट हुआ है, अभी दो और स्टेज बाकी हैं। दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन को लेकर जितने ट्रायल चल रहे हैं उन सभी की डिटेल यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की वेबसाइट पर मौजूद है। इस वेबसाइट में भी यही कहा गया है कि ये वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के फर्स्ट स्टेज में है। रूस के अलावा चीन में भी वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के स्टेज पर पहुंच चुकी है जबकि इंग्लैंड में भी वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के स्टेज पर पहुंचने वाली है।
भारत में भी कोरोना वैक्सीन पर तेजी से हो रहा काम
कोरोना की वैक्सीन पर अमेरिका और रूस से ही नहीं बल्कि भारत में भी तेजी से काम हो रहा है। भारत में भी कोरोना की दो वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के स्टेज पर पहुंच गई हैं। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च यानी ICMR के डीजी बलराम भार्गव के मुताबिक चूहे और खरगोशों पर इन वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है। इसके बाद इन दोनों दवाओं को ह्यूमन ट्रायल के शुरूआती स्टेज के टेस्ट को मंजूरी दी जा चुकी है। दोनों वैक्सीन का हज़ार-हज़ार लोगों पर ह्यूमन ट्रायल चल रहा है, जिन लोगों पर ट्रायल चल रहा है उन्हें वैक्सीन के एक डोज दे दी गई है। इस स्टेज को 'सेफ्टी एंड स्क्रीनिंग' नाम दिया गया है। इस ट्रायल में ये पता लगाया जाएगा कि वैक्सीन से संक्रमण का कोई खतरा तो नहीं है। लिवर और कोविड-19 पर इस वैक्सीन का क्या असर पड़ रहा है।
दिल्ली, चेन्नई, पटना, कानपुर, गोवा, गोरखपुर, भुवनेश्वर, रोहतक, विशाखापट्नम और हैदराबाद समेत देश के 14 शहरों में वॉलिंटियर्स पर ये ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। पटना एम्स में ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 18 से 50 साल के 10 लोगों को इसके लिए चुना गया है। वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए एम्स में 5 एक्सपर्ट की कमेटी बनाई गई है। ट्रायल के लिए एक नया प्रोटोकॉल जोड़ा गया है। अब ह्यूमन ट्रायल में शामिल वॉलंटियर्स का एंटीबॉडी टेस्ट भी होगा, इससे ये जानने में मदद मिलेगी कि ट्रायल में शामिल होने वाले वॉलंटियर्स को भविष्य में कोरोना का संक्रमण होगा या नहीं। अगर ऐसा होता है तो इन्हें आगे होने वाले ट्रायल में शामिल नहीं किया जाएगा। पहली डोज देने के बाद डॉक्टरों की टीम 2-3 घंटे तक मरीज पर नजर रखेगी, इसके बाद उन्हें घर जाने को कहा जाएगा। 14 दिन बाद इन्हें दूसरी डोज दी जाएगी। ICMR को उम्मीद है जल्द ही वैक्सीन को लेकर कोई अच्छी खबर मिलेगी।