नई दिल्ली: दिल्ली के कई इलाकों में अब सम-विषम के आधार पर बाजार खुलने लगे हैं। इसके साथ ही चटपटा खाने के शौकीन लोगों का मनपसंद स्नैक्स भी अब उन्हें मुहैया होने लगा है। इनमें पुरानी दिल्ली के गोलगप्पे और मिठाइयां शामिल हैं। बाजार खुलने लगे तो इसके साथ ही पुरानी दिल्ली में कई स्थानों पर गोलगप्पे, चाट पकौड़ी और मिठाई की दुकानें भी एक बार फिर से खुल रही हैं। हालांकि फिलहाल यहां केवल पैकेट बंद गोलगप्पे व अन्य सामान मिल रहे हैं। बाजार में खड़े होकर खाने की सुविधा अभी नहीं दी गई है।
गोलगप्पे और चाट के अलावा खाने-पीने की अन्य दुकानें, जूस, मिठाई आदि की दुकानें भी खुल रहीं हैं। वहीं कई स्थानों पर होम डिलीवरी करने वाले रेस्तरां, कुल्फी और गुजराती नमकीन की दुकानें भी खुल रही हैं। हालांकि खरीदार इनमें से केवल कुछ ही दुकानों को नसीब हो पा रहे हैं।
पुरानी दिल्ली में एक बार फिर गुलजार हुई इन दुकानों में खाने पीने और मिठाई की दुकानों पर ग्राहक नजर आए। जिन दुकानों पर खरीदार मौजूद थे वहां सोशल डिस्टेंसिंग की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं थी। दुकानों पर मौजूद ग्राहकों और स्वयं दुकानदारों में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर लेकर लेकर कोई खास सजगता नहीं दिखाई दी।
सावधानी बरतते हुए गोलगप्पे पॉलिथीन में पैक किए गए थे। गोलगप्पे का पानी, चटनी और उसमें भरने वाले आलू भी अलग-अलग पॉलिथीन में पैक करके बेचे जा रहे हैं। गोलगप्पे विक्रेता आसाराम ने कहा, "अब जब सरकार से इजाजत मिल गई है तो हम 2 महीने बाद फिर से अपना छोटा सा कारोबार खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। अभी हम पहले की तरह ग्राहकों को मौके पर ही गोलगप्पे नहीं खिला रहे हैं बल्कि सारा सामान अलग-अलग थैलियों में पैक करके रखा है। हमने 20, 50 और 100 रुपये के अलग-अलग पैकेट बनाए हैं।"
वहीं बाजार खुलने के बावजूद ज्यादा ग्राहक अभी तक बाजारों में नहीं आए हैं। करोल बाग के एक दुकानदार गुरबख्श आहूजा ने कहा, "बाजार में आधी दुकानें खुल रही हैं लेकिन ग्राहक एक चौथाई भी नहीं है दिन भर की दुकानदारी में महज चार-पांच ग्राहक ही खरीदारी के लिए आ रहे हैं।"