पणजी: गोवा और दमन के आर्चबिशप फादर फिलिप नेरी फेराओ ने केन्द्र सरकार से ‘‘ तत्काल एवं बिना किसी शर्त’’ संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) वापस लेने और ‘‘असहमति जताने के अधिकार’’ को दबाना बंद करने की अपील की है। आर्चबिशप ने सरकार से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को देशभर में लागू ना करने की अपील भी की है।
गोवा गिरजाघर की एक शाखा ‘सोसाइटी फॉर सोशल कम्युनिकेशंस मीडिया’ ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘‘आर्चबिशप और गोवा का कैथोलिक समुदाय सरकार से भारत के लाखों लोगों की आवाज सुनने, असहमति जाहिर करने के अधिकार को ना दबाने और इन सबसे अधिक संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने और एनआरसी एवं एनपीआर को लागू ना करने की अपील करता है।’’
गिरजाघर ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर ‘‘विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण’’ है और यह निश्चित तौर पर हमारे जैसे बहु-सांस्कृतिक लोकतंत्र पर ‘‘नकारात्मक और हानिकारक प्रभाव’’ डालेगा। वहीं गोवा भाजपा के महासचिव नरेन्द्र सावरकर ने आर्चबिशप से पूछा है कि वह सीएए का विरोध क्यों कर रहे हैं ‘‘जब करोड़ों लोग उसका समर्थन कर रहे हैं’’।
दक्षिण गोवा से लोकसभा के पूर्व सदस्य सावरकर ने ट्वीट किया, ‘‘ आर्चबिशप का कहना है कि सीएए को वापस ले लेना चाहिए क्योंकि उसकी आलोचना की जा रही है। मेरा सवाल है क्यों? जब गोवा के लोगों सहित करोड़ों सीएए का समर्थन कर रहे हैं।’’ गोवा विधानसभा ने कानून बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा करने के लिए हाल ही में एक धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित किया था।