नयी दिल्ली: संसद की एक समिति ने शुक्रवार को सरकार से पाकिस्तान के अंदर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविर पर हवाई हमला करने के भारत के फैसले के पीछे की वजहों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराने के लिए एक व्यापक मुहिम चलाने को कहा। विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने यह सुझाव तब दिया जब विदेश सचिव विजय गोखले ने उसे पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच के घटनाक्रम के बारे में बताया। पुलवामा में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे।
सूत्रों के अनुसार गोखले ने समिति के सदस्यों पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी शिविरों पर हवाई हमले और बाद में पाकिस्तान द्वारा की गयी जवाबी कार्रवाई के बारे बताया। उन्होंने समिति को बताया कि पाकिस्तानी वायुसेना की भारत में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश विफल रही क्योंकि वायुसेना ने उसे नाकाम कर दिया लेकिन इसी क्रम में वह अपना एक जेट विमान गंवा बैठा। समिति के एक सदस्य ने बाद में बताया कि सदस्यों ने विदेश सचिव से कहा कि सरकार आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाने के अपने कदम के पीछे की वजहों को जोर-शोर से दुनिया के सामने रखे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस समिति के सदस्य हैं लेकिन वह शुक्रवार को बैठक में मौजूद नहीं थे। गोखले ने हवाई हमले से हुए नुकसान के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब दिया। लेकिने उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा मंत्रालय ही इसका जवाब देने के बेहतर स्थिति में है। बैठक में विदेश मंत्रालय के अधिकारी गोखले का सहयोग कर रहे थे। विदेश सचिव ने सदस्यों को यह भी बताया कि इस मुद्दे पर कैसे भारत ने ओर्गनाइजेश ऑफ इस्लामिक कोपरेशन (ओआईसी) के सदस्यों का समर्थन हासिल किया जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विशिष्ट अतिथि हैं। पाकिस्तान ने ओआईसी की बैठक में भारत के भाग लेने के खिलाफ उसके पूर्ण सत्र का बहिष्कार किया।
समिति के सदस्यों ने वायुसेना समेत सशस्त्र बलों की प्रशंसा की और हवाई हमले को ‘शानदार एवं साहसी’कार्य बताया जिसकी व्यापक तौर पर प्रचार प्रचार करने की जरूरत है। इससे पहले गोखले ने समिति को भारतीय पायलट के पकड़े जाने तक पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम के बारे में बताया। एक सदस्य ने बताया कि यह बैठक अच्छी एवं रचनात्मक थी और संसदीय जवाबदेही का हिस्सा थी तथा मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी दी। काग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई वाली समिति ने दोपहर को संसद भवन में बैठक की।