Saturday, September 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. राहत: दिल्ली से गाजियाबाद जानेवाले रास्ते को खोला गया, 26 जनवरी हिंसा के बाद से बंद थी सड़क

राहत: दिल्ली से गाजियाबाद जानेवाले रास्ते को खोला गया, 26 जनवरी हिंसा के बाद से बंद थी सड़क

किसान आंदोलन का केंद्र बने गाजीपुर बाॉर्डर से राहत की खबर है। दिल्ली से गाजियाबाद जानेवाले रास्ते को खोल दिया गया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 02, 2021 8:43 IST
राहत: दिल्ली से गाजियाबाद जानेवाले रास्ते को खोला गया, 26 जनवरी हिंसा के बाद से बंद थी सड़क- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE राहत: दिल्ली से गाजियाबाद जानेवाले रास्ते को खोला गया, 26 जनवरी हिंसा के बाद से बंद थी सड़क

गाजीपुर बॉर्डर: दिल्ली यूपी गाजीपुर बाॉर्डर से राहत की खबर है। दिल्ली से गाजियाबाद जानेवाले रास्ते को खोल दिया गया है।  26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद इस रास्ते को बंद कर दिया गया था। इतना ही नहीं 31 जनवरी को इस रास्ते को इस बैरिकेडिंग को ओर भी अधिक मजबूत किया गया था । यहां पर पत्थर के बैरिकेडिंग को सीमेंटेड कर दिया गया था और इसके ऊपर कंटीले तार लगा दिए गए थे।

इस रास्ते के बंद होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही थी। दिल्ली से गाजियाबाद के रूट पर सफर करनेवालों को काफी घमकर सफर पूरा करना होता था। लेकिन अब इस रास्ते को खोल दिया गया है। इससे इस रूट पर रोजाना सफर करनेवाले लोगों को काफी राहत मिलेगी। 

पढ़ें:- भारत ने 40 देशों को कोरोना का टीका उपलब्ध कराया, 34 देश हैं कतार में: एस जयशंकर

कृषि कानून वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा : राकेश टिकैत 

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्टीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि जब तक एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य)पर कानून नहीं बनेगा और नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने यह बात रविवार को सहारनपुर जिले के नागल मार्ग स्थित लाखनौर गांव में किसानों की महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा जिस तरीके से पहले गोदाम बनाये गये और बाद मे कानून बनाया गया, वह किसानों के साथ धोखा है। विपक्ष की मजबूती पर अपने विचार व्यक्त करते हुए टिकैत ने कहा कि विपक्ष का मजबूत होना बहुत जरूरी है, यदि विपक्ष मजबूत होता तो केन्द्र सरकार किसान विरोधी कृषि कानून लागू नहीं कर पाती। टिकैत ने कहा,‘‘किसान अपनी जमीन को औलाद की तरह प्यार करता है फिर वह कैसे अपनी जमीन को बड़ी कम्पनियो के हाथों में सौंप सकता है?’’ 

पढ़ें:-IMD Alert: 3 महीने भीषण गर्मी के लिए रहिए तैयार, इन इलाकों में बढ़ेगा पारा

 कंटीले तार लगाकर किसान की भावनाओं को भड़काने का काम किया: राकेश टिकैत 
उन्होंने कहा, ‘‘ खेती में घाटा होने के बावजूद किसान अपनी जमीन पर पसीना बहाते हुए खेती करता है जबकि व्यापारी नुकसान होने पर अपना शहर छोड़कर दूसरे शहर मे जाकर व्यापार करने लगता है, अपना व्यापार बदल लेता है लेकिन किसान सिर्फ खेती ही करता है और उसका परिवार उसी खेती पर टिका होता है।’’ टिकैत ने केन्द्र की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने किसान के आगे कंटीले तार लगाकर किसान की भावनाओं को भड़काने का काम किया है, यही नहीं तिरंगे के लिये भी सरकार ने किसानो का अपमान किया है जबकि वास्तविकता यह है कि तिरंगे का सबसे ज्यादा सम्मान गांव के लोग करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को भ्रम है कि किसान गेंहु की कटाई मे लग जायेगा लेकिन सरकार यह बात समझ ले कि किसान गेंहु की कटाई भी करेगा और आन्दोलन भी करेगा। टिकैत ने कहा कि किसान सरकार से संशोधन नहीं चाहता बल्कि नये कृषि कानून की समाप्ति चाहता है,जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।

इनपुट-भाषा

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement