नई दिल्ली: आज दिनभर इस बात की चर्चा रही कि गाज़ीपुर बॉर्डर खाली हो गया है। वहां से किसान अपने घरों को लौट गए हैं। इस बात की जांच करने के लिए हमारे संवाददाता जतिन शर्मा गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने जो देखा, वो हम आपको इस रिपोर्ट में बताने वाले हैं। दरअसल, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत एक महापंचायत के लिए कुरुक्षेत्र में थे। वहीं गाजीपुर बॉर्डर से कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं। जहां हजारों की संख्या में किसान टेंट लगाकर जमे रहते हैं, वहां भीड़ कुछ कम दिखी।
टिकैत को रोता देख लौटे किसान घर चले गए!
28 जनवरी की शाम राकेश टिकैत को रोते देख गांव-गांव से जो किसान गाजीपुर बॉर्डर तक खिचे चले आए थे, वहीं किसान 10-12 दिन के टेंटवास के बाद अब अपने साज-ओ-सामान बांध कर वापस लौट चले हैं। जिस गाजीपुर बॉर्डर पर किसान मॉल बना हुआ था, मुफ्त में जरूरत का सामान बिक रहा था, उसपर अब ब्रेक लग गया है। जिस गाजीपुर बॉर्डर को राकेश टिकैत ने आंदोलन का एपिसेंटर बना रखा है, वहां किसानों की तादाद लगाताक कम हो रही है।
कुरुक्षेत्र गए राकेश टिकैट, टेंट हो गए खाली!
लेकिन, राकेश टिकैट हरियाणा के कुरुक्षेत्र में महापंचायत में शामिल होकर आंदोलन को नई धार देने में जुटे दिखे जबकि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की भीड़ कम हो गई। मंगलवार को राकेश टिकैत जब कुरुक्षेत्र में आगे का प्लान बनाने में लगे थे तब हमने देखा कि गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में टेंट खाली हैं, ट्राली पर बने टेंट भी खाली हैं, बिस्तर खाली हैं, कुर्सियां खाली हैं, सड़क सूनी है। यहां अब गिनती के प्रदर्शनकारी किसान बचे हैं।
सूनी-सूनी दिखी गाजीपुर बॉर्डर की तस्वीर
सुबह की पहली किरण के साथ ज्यादातर किसान अपने घर को लौट गए हैं। कुछ टेंट खाली हो गए हैं, कुछ टेंट खाली हो रहे हैं, कुर्सियां लगी हैं, हुक्का भी रखा है लेकिन टेंट में अब इक्का-दुक्का लोग ही बचे हैं। ज्यादातर लोग घर लौट रहे हैं। पहले जिस जगह पर पांव रखने की जगह नहीं होती थी, वहां आज की तस्वीर बनी सूनी-सूनी दिखी।