नई दिल्ली: पाकिस्तान से 5 साल पहले भारत लौटी गीता को आखिरकार अपना परिवार मिल गया है। गीता की अपनी मां से मुलाकात हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक गीता को पाकिस्तान में पालने वाली ईदी फाउंडेशन की बिलकिस ने बताया कि गीता सकुशल अपनी मां के पास पहुंच चुकी है और डीएनए टेस्ट से इस बात को पुख्ता किया जा चुका है। गीता की मां महाराष्ट्र के नयागांव में रहती है।
गीता की मां मीना के मुताबिक उसका असली नाम राधा वाघमारे था। गीता के पिता का कुछ साल पहले निधन हो चुका है और उसकी मां ने दूसरा विवाह कर लिया है। कराची में ईदी फाउंडेशन की बिलकिस और उनके पति अब्दुल सत्तार ने गीता का पालन पोषण किया।
बिलकिस के मुताबिक, उन्हें गीता एक रेलवे स्टेशन से मिली थी और जब वह 11-12 की रही होगी। उन्होंने उसे कराची के अपने केंद्र में रखा था। उन्होंने कहा,“ वह किसी तरह से पाकिस्तान आ गई थी और जब कराची में हमें मिली थी तो वह बेसहारा थी।” बिलकिस ने बताया कि उन्होंने उसका नाम फातिमा रखा था लेकिन जब उन्हें मालूम चला कि वह हिंदू है तो उसका नाम गीता रखा गया। हालांकि वह सुन और बोल नहीं सकती है।
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2015 में भारत की पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज ने लड़की को भारत लाने का इंतजाम किया था। बिलकिस ने बताया कि गीता को अपने असली माता-पिता ढूंढने में करीब साढ़े चार साल का वक्त लगा और इसकी पुष्टि डीएनए जांच के जरिए की गई है।