श्रीनगर: हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी और कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को पुलवामा के ट्राल कस्बे में उनकी प्रस्तावित रैली की पूर्वसंध्या पर नजरबंद कर दिया गया।
श्रीनगर में कुल पांच अलगाववादियों को नजरबंद किया गया है। गिलानी के साथ ही मसरत आलम को भी नजरबंद किया गया है। मीरवाइज और शब्बीर शाह को भी नजरबंद किया गया है। राज्य सरकार ने इस रैली के आयोजित करने पर रोक लगा दी है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘गिलानी को नजरबंद किया गया है। हैदरपोरा स्थित उनके आवास के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए ऐहतियातन यह कदम उठाया गया है।’ अधिकारी ने कहा कि मसर्रत आलम को भी नजरबंद किया गया है। गिलानी ने दक्षिणी कश्मीर के ट्राल कस्बे में शुक्रवार को मार्च का ऐलान किया है। इस कस्बे में बीते सोमवार को आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान दो युवक मारे गए थे।
आलोचनाओं से घिरे सईद ने रैली की अनुमति देने के अपने फैसले का बचाव करने की कोशिश की लेकिन साफ किया कि पाकिस्तानी झंडे लहराना और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करना स्वीकार्य नहीं है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने घटनाक्रम का वीडियो ले लिया है। मेरा मानना है कि कानून अपना काम करेगा, कार्रवाई की जाएगी।’
मुफ्ती ने कहा, ‘जहां तक जनसभा की बात है तो मुझे लगता है कि यह ठीक है। जैसा कि मैंने कहा कि लोकतंत्र विचारों का संघर्ष है। उन्हें अपना रास्ता चुनने का, अपने मन की बात कहने का अधिकार रखते हैं लेकिन जो स्वीकार्य नहीं है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’
राज्य में गठबंधन बनाने के लिए पीडीपी से बातचीत करने में भाजपा की ओर से मुख्य भूमिका निभाने वाले राम माधव ने कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान समर्थक नारे सुनने के लिए राज्य की सरकार में शामिल नहीं हुई है।
पांच साल के अंतराल के बाद, जम्मू कश्मीर सरकार ने कल गिलानी को रैली करने की अनुमति दी थी जहां जेल से पिछले माह रिहा हुए मसर्रत आलम सहित उनके समर्थकों ने पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए और अन्य ने पाकिस्तानी झंडे लहराए।
गिलानी ने आज देर शाम एक बयान जारी कर कहा कि वह राज्य सरकार के सामने नहीं झुकेंगे। पुलिस ने शुक्रवार को श्रीनगर में रैली के दौरान कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने के लिए गिलानी और मसर्रत आलम के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) कानून के तहत मामला दर्ज किया था।