नई दिल्ली। हाल ही में आए GDP ग्रोथ रेट के आंकड़ों पर संसद में बोले हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि GDP 1934 में आया इससे पहले कोई GDP नहीं था... केवल GDP को बाइबल, रामायण या महाभारत मान लेना सही नहीं है और भविष्य में GDP का कोई बहुत ज्यादा उपयोग भी नहीं होगा।
निशिकांत दुबे इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि आज की नई थ्योरी है कि सस्टेनेबल इकोनोमिक वेलफेयर आम आदमी का हो रहा है या नहीं हो रहा। GDP से ज्यादा जरूरी है कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट, हैपिनेस हो रहा है की नहीं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही ये बात
संसद में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूएसए और चीन के बीच व्यापार युद्ध को ध्यान में रखते हुए, इस संकेत के साथ कि इनमें से कई कॉर्पोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से बाहर निकलना चाहेंगी। इसलिए हमने कॉरपोरेट टैक्स पर जल्द कदम उठाना आवश्यक समझा।
महुआ मोइत्रा बोलीं- कॉरपोरेट टैक्स में कटौती लाभ कमाने वालों को ही मदद करती है
संसद में बोलते हुए टीएमसी सासंद महुआ मोइत्रा ने कहा कि आपके द्वारा प्रस्तावित किए गए (कॉर्पोरेट) कर में कटौती केवल लाभदायक को अधिक लाभदायक बनने में मदद करती है। यह इस अर्थव्यवस्था के एक बहुत बड़े हिस्से को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ भी नहीं करता है जो संघर्ष कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अगर यह बिल वास्तव में हर किसी की मदद करने के लिए था, विशेषकर MSME सेक्टर तो सभी संस्थाओं पर कर की दर में कमी लागू होनी चाहिए। यह सिर्फ कंपनियों पर लागू नहीं होना चाहिए, यह एलएलपी, साझेदारी फर्म और अन्य गैर-कॉर्पोरेट संस्थाओं पर भी लागू होना चाहिए।
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