नई दिल्ली: वर्ष 2002 के एक फिरौती मामले में यहां की एक अदालत ने गैंगस्टर अबू सलेम को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण सहरावत ने कहा,".. दोषी एक कट्टर अपराधी है जो धमकी देने और फिरौती के मामले में संलिप्त है और वह इससे पहले भी इसी तरह के कई अन्य मामलों में संलिप्त रहा है। इसलिए, वह ऐसी कड़ी सजा के लायक है, जो दोषी के लिए एक सबक हो, और इससे दूसरों को भी चेतावनी मिले।" अदालत ने सलेम पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
26 मई को, अबू सलेम को भारतीय दंड संहिता की धारा 387 (जबरदस्ती फिरौती की मांग के लिए किसी व्यक्ति को मौत या घोर आघात के भय में डालना) और धारा 506 (अपराधिक धमकी) के अंतर्गत दोषी ठहराया गया था, लेकिन उसे महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के अंतर्गत लगाए गए आरोपों से मुक्त कर दिया गया।
अदालत ने इस मामले में सह-आरोपी पवन कुमार मित्तल ऊर्फ राजा भाई, मोहम्मद अशरफ ऊर्फ बबलू, माजिद खान ऊर्फ राजू भाई और चंचल मेहता को बरी कर दिया। अभियोजन के अनुसार, "गैंगस्टर ने दिल्ली स्थित व्यापारी से पैसे की मांग की थी और पैसे न देने की स्थिति में उसके परिजनों को मार देने की धमकी दी थी।"