नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीन की घुसपैठ को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं और कई सवाल उठ रहे हैं, लेकिन पहली बार गलवान घाटी की तस्वीरें सामने आई हैं। इन सैटेलाइट तस्वीरों से पहली बार गलवान वैली का सच सामने आया है। तस्वीरों से साफ-साफ पता चलता है कि चीन की सेना ने कभी भी LAC क्रॉ़स नहीं की। दरअसल चीन की सेना ने LAC के पास अपनी सीमा में कंस्ट्रक्शन की थी जो भारत और चीन के बीच हुई संधि के खिलाफ था। भारत ने चीन की कंस्ट्रक्शन पर ऐतराज जताया था।
LAC पर चीन की साजिश की पोल खोलने वाली 30 सैटेलाइट तस्वीरें आई हैं। इन तस्वीरों से साफ है कि चीन ने कैसे एलएसी के पास कंस्ट्रक्शन किया था। चीन का बेस कैंप LAC से 30 किलोमीटर दूरी पर है। जबकि भारतीय कैंप एलएसी के आसपास गलवान घाटी इलाके में है। चीन ने मई के शुरू में ही LAC के हालात बदलने की पूरी प्लानिंग शुरू कर दी थी। चीन की इस साजिश सैटेलाइट की तस्वीरों से स्पष्ट होती है। चीन के सैनिकों ने नदी के सहारे LAC तक आने का प्लान बनाया। 6 मई की सैटेलाइट तस्वीर में हालात में बहुत ज्यादा बदलाव नजर नहीं आ रहा है। गलवान नदी का बहाव भी सामान्य है।इसके बाद की तस्वीरों में दिख रहा है कि कैसे नदी के किनारे चीन के कैंप्स की संख्या बढ़ती जा रही है और गलवान नदी का बहाव रोका जा रहा है। 14 मई की तस्वीर में गलवान नदी में पानी करीब करीब सूख चुका है। इसके साथ चीन सैनिकों के कैंप्स की संख्या बढ़ गई।
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हालांकि 4 मई की तस्वीरें ये बता रही हैं कि चीनी सेना एलएसी के नजदीक तक तो आई लेकिन LAC कभी भी क्रॉस नहीं की। हालांकि चीनी सेना ने भारत के साथ उस समझौते का उल्लंघन किया कि LAC के नज़दीक कोई भी सैनिक जमावड़ा और निर्माण नहीं किया जा सकता है। चीन के सैनिकों ने गलवान नदी के रिवर बेड को सुखाकर LAC पर घुसपैठ की साजिश रची। इसी साजिश को नाकाम करने के लिए 15 जून को भारतीय जवानों की चीन के सैनिकों के साथ झड़प हुई। LAC पर चीन ने जो निर्माण किया था उसे हटाने के लिए भारतीय सैनिक गए थे। भारतीय सैनिकों ने निर्माण को ढहा दिया था। 18 जून की LAC की सैटेलाइट तस्वीर में कोई चीनी सैनिक नहीं है। LAC पर चीन ने निर्माण कर संधि का उल्लंघन किया था।
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