नई दिल्ली. सोमवार रात चीन की PLA के साथ हुई खूनी झड़प में भारतीय सेना ने अपने अफसर और दो जवानों को खो दिया। भारतीय सेना के सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शहीद होने वाले अफसर का नाम कर्नल संतोष बाबू है। वो 16 बिहार रेजीमेंट के कमॉंडिंग अफसर थे।
आपको बता दें कि चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है। सेना ने कहा कि हिंसक टकराव के दौरान एक अधिकारी व दो जवान शहीद हुए जबकि चीनी पक्ष को भी नुकसान हुआ है। हालांकि कितना नुकसान हुआ है यह अभी स्पष्ट नहीं है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख व विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस टकराव के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख के संपूर्ण घटनाक्रम से अवगत कराया।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवानों की शहादत के बाद यह इस तरह की पहली घटना है। सैन्य सूत्रों ने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच घटनास्थल पर मेजर जनरल स्तर की बातचीत चल रही है।
सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ''गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।'' इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों की ओर से सेना के वरिष्ठ अधिकारी तनाव कम करने के लिये घटनास्थल पर संवाद कर रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई। सूत्रों ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में हुई इस घटना के बाद पठानकोट की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी। पिछले पांच हफ्तों से गलवान घाटी समेत पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने सामने हैं।
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