नई दिल्ली: भारत के गगनयान अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों ने रूस में अपनी एक साल की ट्रेनिंग पूरी कर ली है। रूस से लौटने के बाद इन सभी अंतरिक्ष यात्रियों को इसरो द्वारा डिजाइन किए गए ट्रेनिंग मॉड्यूल पर ट्रेनिंग कराई जाएगी। यह ट्रेनिंग भारत में ही होगी। इसके ट्रेनिंग के बाद इन यात्रियों को गगनयान के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। रूस में इन यात्रियों को अंतरिक्ष की परिस्थितियों के मुताबिक ढलने की ट्रेनिंग दी गई है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना के चार टेस्ट पायलटों को भारत के पहले मानव मिशन, गगनयान के लिए चुना गया था और वे मास्को के नजदीक यूरी गगारिन रिसर्च ऐंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। फिलहाल रूस में ट्रेनिंग खत्म हो चुकी है और अब अंतरिक्ष यात्री भारत में स्पेसिफिक ट्रेनिंग लेंगे जिसके लिए सिमुलेटर को डिफाइन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गगनयान भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसके तहत वर्ष 2022 में अंतरिक्ष में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का लक्ष्य है। हालांकि, कोविड-19 महमारी की वजह से इसमें कुछ देरी हुई है।
देश के पहले मानव मिशन गगनयान प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 9023 करोड़ रुपए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में 15 अगस्त के भाषण में देश के पहले मानव मिशन को लॉन्च करने की घोषणा की थी।