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'गगनयान' पर भी पड़ी कोरोना वायरस संक्रमण की मार, अभियान में हो सकती है देरी

Gaganyaan Mission: गगनयान परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव को भेजने की क्षमता दिखाना है, जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजा जाएगा। इससे पहले इसरो ने पिछले महीने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए जीएसएलवी एमके-तीन प्रक्षेपण वाहन को चिह्नित किया गया है। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 07, 2020 14:03 IST
gaganyaan mission launch date can be delayed due to covid isro latest news । 'गगनयान' पर भी पड़ी कोर- India TV Hindi
Image Source : TWITTER/ISRO gaganyaan mission launch date: 'गगनयान' पर भी पड़ी कोरोना वायरस संक्रमण की मार, अभियान में हो सकती है देरी (Representational Image)

बेंगलुरु. अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के प्रथम अभियान ‘गगनयान’ में कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के कारण एक साल की देरी हो सकती है। भारतीय अंतरिक्ष अअनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ‘गगनयान’ के तहत मानव को पहली बार अंतरिक्ष में भेजने की योजना से पहले दो मानवरहित मिशनों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। पहले मानवरहित मिशन को दिसंबर 2020 और दूसरे मानवरहित मिशन को जून 2021 में भेजने की योजना बनाई गई। इसके बाद ‘गगनयान’ के तहत दिसंबर 2021 में मानव को पहली बार अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई गई थी।

ISRO के अध्यक्ष के.सिवन ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण इसमें देरी होगी।’’

उन्होंने दो प्रस्तावित मानवरहित मिशनों में से पहले मिशन की संभावित समय-सीमा पर कहा, ‘‘हम अगले साल के अंत में या उसके अगले साल का लक्ष्य रख रहे हैं।’’

गगनयान परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव को भेजने की क्षमता दिखाना है, जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजा जाएगा। इससे पहले इसरो ने पिछले महीने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए जीएसएलवी एमके-तीन प्रक्षेपण वाहन को चिह्नित किया गया है। सिवन ने कहा कि चंद्रयान तीन मिशन पर भी काम जारी है, जिनमें एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने (चंद्रयान तीन के प्रक्षेपण) इसके लिए अभी समयसीमा तय नहीं की है।’’ सिवन ने प्रस्तावित 'शुक्रयान' मिशन के बारे में कहा कि इस परियोजना पर काम जारी है। 

इसरो अधिकारियों के अनुसार, उसने अपने प्रस्तावित 'शुक्रयान' मिशन के लिए फ्रांस के प्रस्ताव सहित अंतरिक्ष-आधारित 20 प्रायोगिक प्रस्तावों का चयन किया है। इसरो सूत्रों ने बताया कि इसमें रूस, फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी का ‘‘सहयोगात्मक योगदान’’ भी शामिल है।

इसरो पूर्व में शुक्र पर जून 2023 में देश का प्रथम मिशन भेजने की योजना बना रहा था। संगठन के एक अधिकारी ने बताया कि लेकिन महामारी की स्थिति के कारण देरी हुई जिस वजह से मिशन की समयसीमा की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसे 2024 या 2026 में प्रक्षेपित किया जा सकता है। इस संबंध में उल्लेख किया गया कि मिशन को प्रक्षेपित करने का बेहतरीन अवसर हर 19 महीने में आता है जब शुक्र ग्रह पृथ्वी के सबसे निकट होता है। (भाषा)

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