नयी दिल्ली: राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजभवन में ‘धरना’ देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि जिस राज्य में मुख्यमंत्री खुद राज्यपाल को ‘‘असुरक्षित महसूस’’ कराते हैं, वहां राज्य के लोगों को मुख्यमंत्री के सामने अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाना बेकार है। मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए शेखावत ने कहा कि राज्य में उनके नेतृत्व में अपराध दर बढ़ रही है जबकि उनके विधायक रिसॉर्ट में आनंद उठा रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस विधायक तथा अशोक गहलोत सरकार के समर्थक अन्य विधायक शुक्रवार को जयपुर में राजभवन में धरने पर बैठ गए थे। ये विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने के लिए राजभवन गए थे।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने आश्वासन दिया था कि वह विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए संवैधानिक प्रावधानों का पालन करेंगे। इसके बाद विधायकों ने पांच घंटे के बाद अपना धरना समाप्त कर दिया था। शेखावत ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जहां राज्यपाल को स्वयं मुख्यमंत्री धमका कर असुरक्षित महसूस करवाए, वहां चोरी, डकैती, बलात्कार, हत्या और हिंसक झड़पों से त्रस्त राजस्थान वासियों को मुख्यमंत्री के आगे अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाना बेकार है!’’
कांग्रेस ने शेखावत पर राजस्थान में गहलोत सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। हालांकि शेखावत ने इन आरोपों को खारिज किया है। शेखावत ने मीडिया रिपोर्टों के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘वास्तव में गहलोत जी चिंता का विषय यह है कि आपके नेतृत्व में राज्य में अपराध का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है जबकि आपके विधायक रिसॉर्ट में आनंद ले रहे हैं। राजस्थान में एक ही दिन में दर्ज किए गए अपराधों की कुछ खबरों पर नजर डालें। गलत प्राथमिकताएं।’’ गहलोत ने कहा था कि केन्द्रीय मंत्री का नाम टेप में आया और अब उनका नाम कॉपरेटिव सोसाइटी मामले में आया है। इसके बाद अपराध की बढ़ती दर पर शेखावत का यह ट्वीट आया है। गहलोत ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल से शेखावत को हटाये जाने की भी मांग की।