नई दिल्ली: हाल ही में सुचना के अधिकार के तहत यह सामने आया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस्तेमाल किए गए भारतीय वायुसेना के विमान के ‘रूट नैविगेशन’ शुल्क के रूप में पाकिस्तान ने भारत को 2.86 लाख रुपये का बिल भेजा है। यह शुल्क प्रधानमंत्री के विमान के लाहौर में ठहराव और रूस, अफगानिस्तान, ईरान तथा कतर यात्राओं के सिलसिले में भेजा गया है। बता दें कि 12 अक्टूबर 2005 को सरकार द्वारा सभी लोगों को “सूचना का अधिकार” दिया गया था। इसके तहत कोई भी आम व्यक्ति सरकारी रिकार्ड या फाइलों में दर्ज सूचना के बारे में जानकारी ले सकता है। इस अधिकार का इस्तेमाल करके कुछ लोगों ने कुछ इस प्रकार के सवाल पूछे जिनको जानकर किसी का भी दिमाग घूम सकता है। आज यहां हम आपको कुछ ऐसी ही याचिकाओं के बारे में बताने जा रहा हैं।
फरवरी 2008
उत्तर प्रदेश की रहने वाली एक लड़की ने सुचना के अधिकार के तहत याचिका दायर की थी। अपनी इस याचिका में उसने यह पूछा था कि मैंने अमेरिका के राष्ट्रपति जार्ज बुश को लड्डू भेजे थे वो उन तक नहीं पहुंचे हैं तो बताएं की उनको कौन खा गया था।
सितंबर 2010
दिल्ली के एक निवासी एमसीडी अधिकारियों के 'पान' और तंबाकू चबाने की आदतों के बारे में आरटीआई के तहत याचिका दायर कर विवरण मांगा। उन्होंने पान सामग्री के बारे में भी पूछा।
मई 2010
हैदराबाद के एक निवासी ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल से पूछा कि वो एक दिन में कितनी बार मंदिर जाते हैं। उन्होंने राज्यपाल से अपने आधिकारिक आवास पर आयोजित रात्रि भोज के मेनू की के बारे में जानकारी मांगी।
जनवरी 2010
कच्छ, गुजरात के एक 47 वर्षीय आदमी ने तमिलनाडु राज्य सूचना आयोग से अनुरोध किया कि वे किसी भी सरकारी विभाग में कार्यरत किसी महिला से शादी करने और उसे जीवन साथी बनाने के बारे में जानकारी प्रदान करें।
अप्रैल 2011
पंजाब विश्वविद्यालय में सुचना के अधिकार के तहत याचिका दायर में भारतीय लिपियों "रामायण और महाभारत" के अनुसार समय की कीमत की जानकारी मांगी। उसने ग्रंथों के अनुसार सुंदर, धार्मिक दुल्हन/लड़की की कीमत पर भी जानकारी मांगी।
सितंबर 2012
एक सम्मेलन में जहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भाषण दे रहे थे, दिल्ली के एक कार्यकर्ता ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कपड़े उतार दिए जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के बाद उस कार्यकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय से आरटीआई के तहत याचिका दायर कर पूछा कि क्या भारत के नागरिक के रूप में उन्हें अपनी पसंद की अंडरवियर पहनने का अधिकार है?
मार्च 2014
एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारत के चुनाव आयोग से पूछा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में इस्तेमाल होने वाले चुनाव का प्रतीक काले और सफेद क्यों होते है, रंगीन क्यों नहीं है?