इंदौर। शहर के एक होटल में बनाये गये क्वारन्टीन सेंटर से भागे आठ लोगों में शामिल 40 वर्षीय कोविड-19 मरीज को पकड़ लिया गया है। इस बहुचर्चित मामले से जुड़े सात अन्य लोगों को सूबे के अलग-अलग स्थानों से पहले ही पकड़ा जा चुका है। किशनगंज पुलिस थाने के प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने सोमवार को बताया कि 40 वर्षीय कोविड-19 मरीज रविवार को आगरा-मुंबई राजमार्ग के टोल नाके पर पुलिस की नियमित जांच के दौरान पकड़ा गया। पुलिस वहां उन लोगों को रोककर पूछताछ कर रही थी जो लॉकडाउन का उल्लंघन कर इंदौर से बाहर जाने की कोशिश कर रहे थे।
चौरसिया ने बताया, "इंदौर के पृथक केंद्र से भागा कोविड-19 मरीज, मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति से लिफ्ट लेकर उसके साथ मानपुर क्षेत्र की ओर जा रहा था। लिफ्ट लेने के लिये उसने मोटरसाइकिल सवार से कहा कि वह देशव्यापी बंद लागू होने से पहले एक मदरसे के लिये चंदा जुटाने इंदौर आया था और अब बंद के कारण फंस गया है।" उन्होंने बताया, "कोविड-19 मरीज ने हमें शुरुआत में अपनी असलियत नहीं बतायी। बाद में उसने कबूल किया कि वह इंदौर के पृथक केंद्र से बुधवार को भागे आठ लोगों में शामिल था। उसके आधार कार्ड के मुताबिक वह उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला है।"
चौरसिया ने बताया, "उसने हमें बताया कि वह और उसके साथी डर के मारे पृथक केंद्र से भागे थे।" थाना प्रभारी ने बताया कि कोविड-19 संक्रमित को लिफ्ट देने वाले मोटरसाइकिल सवार को रविवार को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था क्योंकि उसके पास इसके वैध मेडिकल दस्तावेज थे कि वह मनोरोग के इलाज के लिये डॉक्टर के पास गया था। यह मोटरसाइकिल सवार जिले के मानपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की वजह से अब इस मोटरसाइकिल सवार एवं उसके परिजनों का भी नमूना लिया जायेगा और उनकी जांच करायी जायेगी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के राजेंद्र नगर क्षेत्र के एक होटल में बनाये गये पृथक केंद्र के पिछले हिस्से की चहारदीवारी फांदकर बुधवार को आठ लोग भाग गये थे। पुलिस होटल के बाहर पहरा दे रही थी। उन्होंने बताया कि फरार लोगों में शामिल तीन कोविड-19 मरीजों को घटना के बाद इंदौर में ही ढूंढकर एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था जबकि चार अन्य को इंदौर से करीब 550 किलोमीटर दूर मुरैना जिले से बृहस्पतिवार देर रात पकड़ा गया था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ये लोग बिहार, राजस्थान और उत्तरप्रदेश से ताल्लुक रखते हैं और उनका कहना है कि देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा से पहले वे कारोबार के सिलसिले में इंदौर आये थे।