नई दिल्ली: देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि जारी है। शनिवार (8 सितंबर) को लगातार नौवें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ है। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दामों में 0.39 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दामों में 0.44 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम 80.38 प्रति लीटर और डीजल के दाम 72.51 प्रति लीटर हो गए हैं। वहीं, मुंबई में पेट्रोल की कीमत 87.77 प्रति लीटर और डीजल की कीमत 76.98 प्रति लीटर हो गई।
पिछले कुछ दिनों में लगातार डीजल की कीमतों में इजाफा होने के कारण इसकी कीमतें अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। पिछले शुक्रवार को डीजल की कीमतों में 28 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी होने के बाद कीमत 70.21 पर पहुंच गई थी। दिल्ली में इससे पहले 28 अगस्त को डीजल की कीमत 69.61 रुपए प्रति लीटर के उच्च स्तर पर पहुंची थीं। रविवार को यह दर 70.76 रुपये प्रति लीटर थी।
वाम दलों की 10 सितंबर को राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की
बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना सुबह 6 बजे संशोधन होता है। 16 जून 2017 से पहले महीने में दो बार ही कीमतों में संशोधन हुआ करता था। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ और देश भर के किसानों से वादा किए गए फसलों की बेहतर कीमत तथा कर्ज माफी की मांग को लेकर वाम दलों ने शुक्रवार को 10 सितंबर को राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की है। इसी दिन कांग्रेस पार्टी ने भी 'भारत बंद' की घोषणा की है। पांच वाम दलों ने एक संयुक्त बयान में यह घोषणा की, जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)-लिबरेशन, आरएसपी और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (एसयूसी) शामिल हैं। वाम दलों ने मोदी सरकार पर देश में आर्थिक संकट पैदा करने और चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया, जिसमें काले धन की वसूली और रोजगार देने का वादा किया गया था।
पिछले 4 सालों में कॉर्पोरेट घरानों के 4,00,000 करोड़ रुपए के कर्ज माफ
बयान में कहा गया है, "पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण हर चीज महंगी हो रही है और करोड़ों भारतीयों की आजीविका प्रभावित हो रही है। इससे आगे आर्थिक मंदी पैदा होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा नहीं होंगे और वर्तमान में जो रोजगार मिला है, वह भी कम हो जाएगा।" वाम दलों ने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार ने किसानों को फसलों का सही मूल्य नहीं दिलाया, जो उसने वादा किया था और न ही कृषि ऋण में छूट दी। लेकिन पिछले चार सालों में कॉर्पोरेट घरानों के 4,00,000 करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए।
काला धन वसूल कर लाने का वादा, फिर उसे सफेद बनाने की स्कीम लागू
उन्होंने आरोप लगाया, "इस प्रकार का सांठ-गांठ वाला पूंजीवाद और भी कई सौदों में नजर आया। जैसे राफेल लड़ाकू विमान खरीद घोटाला, जिसका तेजी से खुलासा हो रहा है। इस सौदे के बारे में हर जानकारी छुपाई जा रही है, जिससे इसमें घोटाला होने की पुष्टि होती है। सरकार ने काला धन वसूल कर लाने का वादा किया था, जबकि उसे सफेद बनाने की स्कीम लागू कर दी गई।" वाम मोर्चा के अध्यक्ष विमान बोस ने शुक्रवार को 10 सितंबर को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक 12 घंटों की बंद का आह्वान किया। माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई के महासचिव सूर्यकांत मिश्रा ने भाजपा-नीत केंद्र सरकार पर कामकाजी वर्ग के लोगों की आजीविका नष्ट करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार लगातार दैनिक जरूरी चीजों के दाम में इजाफा करते जा रही है।